अग्रणी सॉवरिन वेल्थ फंड का भारत में बढ़ता दांव | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई March 21, 2022 | | | | |
नॉर्वे सरकारी पेंंशन फंड ग्लोबल के 1.4 लाख करोड़ डॉलर के सॉवरिन वेल्थ फंड के पास दुनिया की सूचीबद्ध कंपनियों की 1.3 फीसदी हिस्सदारी है और यह दुनिया भर में सबसे बड़ा है। इस फंड ने भारतीय इक्विटी में सतत बढ़ोतरी के बीच भारत पर पिछले साल अपने दांव में इजाफा किया है।
साल 2021 में उसके कुल इक्विटी पोर्टफोलियो के प्रतिशत के तौर पर उसकी भारत में होल्डिंग सालाना आधार पर 30 आधार अंक बढ़कर 1.6 फीसदी पर पहुंच गई। फंड के सालाना डिस्क्लोजर से यह जानकारी मिली। उनकी होल्डिंग में बढ़ोतरी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की सतत बिकवाली के बीच देखने को मिली, जिन्होंंने पिछले साल अक्टूबर से 20 अरब डॉलर से ज्यादा के शेयर बेचे हैं।
फंड का भारत में निवेश साल 2021 के आखिर में 375 कंपनियों में फैला हुआ था और उसकी बाजार कीमत करीब 15.8 अरब डॉलर है, जो एक साल पहले के 12.4 अरब डॉलर के मुकाबले करीब 27 फीसदी ज्यादा है। फंड ने साल 2020 में 320 भारतीय फर्मों में निवेश किया था।
फंड के 20 अग्रणी इक्विटी निवेश में कोई भारतीय कंपनी नहीं है, जिस सूची में ऐपल (24 अरब डॉलर), माइक्रोसॉफ्ट (23.1 अरब डॉलर) और अल्फाबेट (16 अरब डॉलर) तीन अग्रणी कंपनियां हैं। फंड के भारतीय दांव में रिलायंस इंडस्ट्रीज (1.45 अरब डॉलर), इन्फोसिस (1.18 अरब डॉलर) और एचडीएफसी (0.66 अरब डॉलर) अग्रणी हैं। 10 अग्रणी भारतीय निवेश में शामिल अन्य कंपनियां हैं आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैक और भारतीय स्टेट बैंक के अलावा टीसीएस, टेक महिंद्रा व विप्रो।
फंड ने अपने भारतीय निवेश में कुछ मुनाफावसूली भी की है, जो 38.1 करोड़ डॉलर के प्रावधान में प्रतिबिंबित हुआ है, जो उसने साल 2021 के पूंजीगत लाभ कर के लिए अलग रखा है। भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में स्थानीय मुद्रा के लिहाज से पिछले साल 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी।
नॉर्वे पेंंशन फंड का इक्विटी पोर्टफोलियो 1 लाख करोड़ डॉलर का है और यह 9,338 कंपनियों में फैला हुआ है और हाल के वर्षों में यह और सतत निवेश की ओर जा रहा है। पिछले साल दक्षिणी सूडान में कंपनी के कारोबार को लेकर चिंता के कारण उसने अपने पोर्टफोलियो से ओएनजीसी की अलग कर दिया। इस साल उसने अदाणी पोट्र्स से अपना निवेश निकालने के लिए उसे निगरानी सूची में रखा है।
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