चीनी सैकरीन निर्यात की जांच शुरू | असित रंजन मिश्रा / नई दिल्ली March 21, 2022 | | | | |
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने चीन में निर्मित कृत्रिम मिठास पैदा करने वाली सैकरीन को थाईलैंड के जरिये निर्यात किए जाने की शिकायतों के बाद चीन से सैकरीन आयात पर लगाए गए प्रतिकारी शुल्क के कथित उल्लंघन के संबंध में जांच शुरू कर दी है।
सैकरीन का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के उद्योगों में किया जाता है, जैसे खाद्य और पेय पदार्थ, व्यक्तिगत देखभाल वाले उत्पाद, टेबल टॉप स्वीटनर, इलेक्ट्रोप्लेटिंग के ब्राइटेनर और फार्मास्यूटिकल्स आदि। डीजीटीआर ने जून 2019 में चीन से किए जाने वाले सैकरीन आयात पर प्रतिकारी शुल्क की सिफारिश की थी, जिसे अगस्त, 2019 में वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूर और अधिसूचित किया गया था। 20 प्रतिशत का यह प्रतिकारी शुल्क जुलाई 2024 तक प्रभावी है। प्रतिकारी शुल्क उन वस्तुओं पर लागू होता है, जिन्हें मूल देश में सरकारी सब्सिडी से लाभ मिला होता है, जिसके परिणामस्वरूप इनके दाम सामान्य कीमतों की तुलना में काफी कम हो जाते हंै।
स्वाति पेट्रो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जो आवेदक और प्रमुख घरेलू सैकरीन उत्पादक है, ने दावा किया है कि थाईलैंड में सैकरीन का कोई ज्ञात उत्पादक नहीं है। कंपनी ने डीजीटीआर को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि थाईलैंड से भारत भेजी गई सैकरीन मुख्य रूप से चीन में निर्मित की जाती है, जिस पर थाईलैंड में उत्पन्न होने वाली वस्तुओं के रूप में दावा किया जाता।व्यापार के स्वरूप में बदलाव के कारण चीन से आयात में गिरावट आई है और थाईलैंड से आयात में खसा इजाफा हुआ है। पीयूआई (जांच के तहत उत्पाद) का आयात प्रथम दृष्टया सब्सिडी वाला है और घरेलू उद्योग के दामों में कटौती कर रहा है।
व्यापार के उपलब्ध नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 22 की अप्रैल-जनवरी की अवधि के दौरान जहां एक ओर चीन से सैकरीन का आयात 31.5 प्रतिशत घटकर 22 लाख डॉलर रह गया, वहीं दूसरी ओर थाईलैंड से सैकरीन का आयात भारी-भरकम रूप से 8,500 प्रतिशत बढ़कर 14 लाख डॉलर हो गया।
डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि आवेदक द्वारा प्रदान किए गए प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर प्राधिकरण ने इस बात पर ध्यान दिया है कि थाईलैंड से भेजी गई सैकरीन का निर्यात चीन पीआर से किए जाने वाले पीयूसी के आयात पर लगाए गए मौजूदा प्रतिकारी शुल्क के उपचारात्मक प्रभावों को कम कर रहा है।
सैकरीन कृत्रिम मिठास पैदा करने वाला पदार्थ होता है और गन्ने की चीनी के संबंध मेंं कम कैलोरी वाला विकल्प माना जाता है। मुख्य रूप से सैकरीन दो तरह की होती है - घुलनशील और अघुलनशील। बाजार की भाषा में घुलनशील सैकरीन को सोडियम सैकरीन कहा जाता है, जबकि अघुलनशील सैकरीन को सैकरीन या सैकरीन एसिड कहा जाता है। सैकरीन को भौतिक तौर पर दो रूपों में निर्मित किया जाता है - दानेदार और चूर्ण।
डीजीटीआर ने संबंधित हितधारकों से नोटिस मिलने की तारीख से 37 दिनों के भीतर मौजूदा जांच से संबंधित जानकारी मांगी है। एक वर्ष की अवधि के भीतर जांच पूरी होने के बाद डीजीटीआर को अपनी सिफारिश वित्त मंत्रालय को सौंपनी होगी, जो इस मामले के संबंध में आगे की कार्रवाई पर अंतिम फैसला करेगा।
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