बैंकिंग क्षेत्र के नियामक द्वारा एचडीएफसी बैंक के डिजिटल कार्यक्रमों पर प्रतिबंध हटाए जाने से निजी क्षेत्र का यह सबसे बड़ा ऋणदाता अब ग्राहकों की एप्लिकेशन (ऐप) का समूह शुरू करने के लिए कमर कस रहा है, जो एक पारंपरिक बैंक से प्रौद्योगिकी संपन्न बैंक के रूप में बदलाव की यात्रा की शुरुआत होगी। इसकी डिजिटल पेशकशों में बार-बार होने वाली रुकावट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक को दिसंबर 2020 में नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिया था और इसे अपनी डिजिटल पेशकशों के साथ आगे बढऩे से रोक दिया था। क्रेडिट कार्ड जारी करने पर यह रोक अगस्त 2021 में हटा ली गई थी और डिजिटल पेशकशों पर प्रतिबंध पिछले सप्ताह हटा लिया गया। बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत करते हुए एचडीएफसी बैंक के कंट्री हेड (भुगतान कारोबार, डिजिटल बैंकिंग और उपभोक्ता वित्त) पराग राव ने कहा कि हमने आधुनिक डिजिटल अनुभव के लिए खुद को तैयार करने के वास्ते तीन साल की अवधि में परिवर्तनकारी यात्रा के साथ आए हैं, जो शायद काम करने के पुराने तरीके की जगह न ले पाए, लेकिन यह इसका पूरक होगी। यह परिवर्तन यात्रा करीब एक साल पहले शुरू हुई थी। आने वाली दो-तीन तिमाहियों में बैंक अपनी भुगतान ऐप पेजैप का एक संशोधित संस्करण पेश करने पर विचार कर रहा है, जो पूरी तरह से आधुनिक आर्किटेक्चर, मोबाइल-रेडी, इलास्टिक-स्केलेबल, कन्टेनराइज्ड और अत्यंत उन्नत उपयोगकार्त अनुभव के आधार पर निर्मित किया गया है। बैंक का इरादा इस पेजैप ऐप को देश की शीर्ष दो-तीन भुगतान ऐप में शामिल करने का है। राव ने कहा कि यह न्यू-टु-बैंक ग्राहकों के लिए किसी मजबूत अधिग्रहण उपकरण के रूप में काम करेगी। इसका मकसद ग्राहकों को एक ही जगह सारी सुविधाएं प्रदान करना है। वे अपने कार्ड का प्रबंधन करने, किसी भी फॉर्म फैक्टर के जरिये भुगतान करने और पेजैप तथा स्मार्टबाई के संयोजन के माध्यम से खरीदारी के बेहतरीन सौदे प्राप्त कर पाएंगे। इसके अलावा बैंक मोबाइल-ओनली डिजिटल के्रेडिट कार्ड की भी शुरुआत करने पर विचार कर रहा है।
