सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों को लेकर विश्लेषक सतर्क रुख अपनाने लगे हैं क्योंंकि उनका मानना है कि अमेरिका में बढ़ती महंगाई और इन कंपनियों के लिए बढ़ती यात्रा लागत उनके मार्जिन पर चोट पहुंचाएगी। जेफरीज के विश्लेषकों ने कहा, अमेरिका में बढ़ती महंगाई एक बड़ा कारक है, जिसका असर ज्यादातर आईटी कंपनियों की वेतन बढ़ोतरी पर दिखेगा। भारतीय आईटी सेवा फर्मों के लिए ऑनसाइट कर्मचारी उनके कुल कामगारों का करीब 25 फीसदी है, लेकिन उनकी कुल कर्मचारी लागत का करीब 60-70 फीसदी बैठता है। जेफरीज के विश्लेषकों अक्षत अग्रवाल और अंकुल पंत ने हालिया नोट में कहा है, पिछले छह महीने में अमेरिका में महंगाई दर 7 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है। विगत में भारतीय आईटी फर्मों के लिए ऑनसाइट वेतन पर महंगाई का असर 1.5 से 2 फीसदी के बीच रहा है, जो स्थानीय महंगाई के स्तर के मुताबिक है। अगर अमेरिका में महंगाई का मौजूदा स्तर बना रहता है तो भारतीय आईटी फर्मों को ऑनसाइट ज्यादा वेतन बढ़ोतरी की पेशकश करनी होगी। ऑनसाइट वेतन पर एक फीसदी की महंगाई का असर मार्जिन में 30 आधार अंकों की गिरावट ला सकता है। कैलेंडर वर्ष 2022 में अब तक निफ्टी आईटी इंडेक्स का प्रदर्शन निफ्टी-50 से कमजोर रहा है और उसमें करीब 7 फीसदी की गिरावट आी है जबकि निफ्टी-50 में तीन फीसदी। अक्टूबर से जिन विदेशी निवेशकों ने करीब 20 अरब डॉलर के आईटी शेयरों की बिकवाली की है।
