यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए ऑन डिवाइस वॉलेट सुविधा | सुब्रत पांडा / मुंबई March 17, 2022 | | | | |
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) उपयोगकर्ताओं के लिए ऑन डिवाइस वॉलेट सुविधा की शुरुआत की है जिसे यूपीआई लाइट के तौर पर जाना जाएगा। इस सुविधा का इस्तेमाल छोटे आकार के लेनदेन के लिए किया जा सकेगा। इस सुविधा का मकसद बैंकिंग प्रणाली पर दबाव को कम करना और लेनदेन की प्रक्रिया को और सरल करना है।
बैंकों को जारी परिपत्र में एनपीसीआई ने कहा है कि पहले चरण में यूपीआई लाइट ऑफलाइन मोड के करीब यानी कि डेबिट ऑफलाइन और क्रेडिट ऑनलाइन काम करेगा और आगे चलकर यूपीआई लाइट पूरी तरह से ऑफलाइन मोड यानी कि डेबिट और क्रेडिट दोनों ऑफलाइन तरीके से संपादित करेगा। एनपीसीआई ने कहा, 'आरंभ में यूपीआई लाइट को विभिन्न बैंकों और ऐप प्रदाताओं के साथ प्रायोगिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा और सब कुछ ठीक रहने पर पूर्ण रूप से वाणिज्यिक लॉन्च किया जाएगा जिसमें जारीकर्ताओं और ऐप प्रदाताओं के लिए ऑन-बोर्डिंग के लिए अनुपालन समससीमा की घोषणा की जाएगी।'
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिसंबर, 2021 में मौद्रिक नीति समिति की बैठक में छोटे लेनदेनों के लिए यूपीआई ऐप में ऑन डिवाइस वॉलेट के विचार का प्रस्ताव दिया था जिसका मकसद इस्तेमाल के लिए लेनदेन अनुभव में बिना कोई बदलाव किए बैंक प्रणाली के संसाधनों को संरक्षित करना था। इसके बाद केंद्रीय बैंक ने दिशानिर्देश जारी किया था कि ऑफलाइन भुगतान लेनदेन की ऊपरी सीमा 200 रुपये होगी और किसी भी समय भुगतान उपकरण पर समग्र सीमा 2,000 रुपये होगी जब तक खाते में जमा की भरपाई नहीं हो जाती है।
यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए ऑन डिवाइस वॉलेट का विचार इस तथ्य से उपजा है कि कुल यूपीआई लेनदेनों का करीब 50 फीसदी लेनदेन 200 रुपये तक का होता है। और इन कम मूल्य के लेनदेनों में अच्छी खासी प्रणाली क्षमता और बैंकिंग प्रणाली के संसाधनों का इस्तेमाल होता है। कई बार लेनदेन असफल होने पर ग्राहकों को असुविधा का भी सामना करना पड़ता है।
एनपीसीआई के परिपत्र में कहा गया है कि यूपीआई ऐप के उपयोगकर्ता के पास अपने यूपीआई ऐप पर यूपीआई लाइट यानी कि ऑन डिवाइस वॉलेट को चालू करने का विकल्प होगा। इसको चालू करने के बाद उपयोगकर्ता अपने बैंक खाते से यूपीआई लाइट में फंड आवंटित कर सकता है।
एनपीसीआई ने कहा, 'फिलहाल यूपीआई लाइट से केवल डेबिट की अनुमति दी जाएगी और रिफंड आदि सहित यूपीआई लाइट में सभी क्रेडिट उपयोगकर्ता के बैंक खाते में ऑनलाइन पहुंच जाएंगे जिसका प्रबंधन बैंक की मुख्य बैंकिंग प्रणाली में होता है।'
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