मूडीज ने विकास अनुमान घटाकर 9.1 प्रतिशत किया | अभिजित लेले / मुंबई March 17, 2022 | | | | |
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर रूस-यूक्रेन टकराव के प्रतिकूल असर की वजह सेरेटिंग एजेंसी मूडीज ने गुरुवार को कैलेंडर 2022 में भारत के आर्थिक विकास का अनुमान 40 आधार अंक तक घटाकर 9.1 प्रतिशत कर दिया।
वर्ष 2020 में लॉकडाउन और वर्ष 2021 में कोविड की डेल्टा लहर के बाद अपेक्षा से अधिक दमदार सुधार की वजह से पिछले महीने इसने कैलेंडर वर्ष 2022 में भारत के आर्थिक विकास का अनुमान संशोधित करके सात प्रतिशत से बढ़ाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया था।
मूडीज ने आज एक बयान में कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि भारत कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक है, इसलिए वह खास तौर पर तेल के अधिक दामों के प्रति अतिसंवेदनशील है। हालांकि देश अनाज का अधिशेष उत्पादक है और कृषि निर्यात को अधिक प्रचलित कीमतों से अल्पावधि में लाभ होगा।
ईंधन के अधिक और उर्वरक की संभावित लागत से भविष्य में सरकारी वित्त पर बोझ पड़ेगा, जो संभवत: नियोजित पूंजीगत व्यय को सीमित कर देंगे। रेटिंग एजेंसी का कहना है 'इन सभी कारणों से हमने भारत के लिए वर्ष 2022 के अपने विकास अनुमानों को 0.4 प्रतिशत अंक तक कम कर दिया है।' मूडीज ने कहा कि अब हम यह उम्मीद करते हैं कि इस साल अर्थव्यवस्था 9.1 प्रतिशत तक बढ़ेगी, इसके बाद वर्ष 2023 में 5.4 प्रतिशत वृद्धि होगी।
यूके्रन पर रूस के हमले ने मुख्य रूप से तीन तरह से वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि में महत्त्वपूर्ण रूप से बदलाव किया है। पहला, मौजूदा और अपेक्षित आपूर्ति की कमी से होने वाली जिंसों के दामों में वृद्धि विस्तृत अवधि में नुकसानदेह तरीके से अधिक इनपुट लागत और उपभोक्ता मुद्रास्फीति का जोखिम पैदा कर रही है।
दूसरा, वित्तीय और कारोबारी रुकावट से अत्यधिक एकीकृत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा होता है। तीसरा, सुरक्षा और भू-राजनीति के बढ़े हुए जोखिम धारणा को नुकसान पहुंचाते हुए आर्थिक लागत बढ़ा देंगे और अर्थव्यवस्था पर बोझ डालेंगे।
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