इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने कच्चे तेल की मौजूदा अंतरराष्ट्रीय दरों के मुकाबले रूस से भारी छूट पर 30 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि आओईसी ने मई डिलिवरी के लिए यूराल्स क्रूड को दिनांकित ब्रेंट की तुलना में 20 से 25 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर खरीदा है। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों द्वारा आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस ने भारत और अन्य बड़े आयातकों को रियायती कीमतों पर तेल और अन्य वस्तुओं की पेशकश शुरू कर दी है। आईओसी ने अपनी शर्तों के आधार पर रूस से कच्चे तेल की खरीद की है। इसमें विक्रेता द्वारा भारतीय तट तक कच्चे तेल की आपूर्ति शामिल है। यह शर्त माल ढुलाई और बीमा की व्यवस्था में प्रतिबंधों के कारण होने वाली किसी भी जटिलता से बचने के लिए रखी गई थी। अपनी कच्चे तेल की जरूरत का करीब 85 प्रतिशत आयात से पूरा करने वाला भारत सस्ती दरों पर कच्चे तेल की खरीद कर ऊर्जा बिल में कमी लाना चाहता है। रूस से तेल लेना अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत का रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल लेना अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। साथ ही उसने कहा कि देशों को यह विचार करना चाहिए कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच आप कहां खड़ा होना चाहते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले हफ्ते रूस से तेल और गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, किसी भी देश के लिए हमारा संदेश यही है कि हमने जो प्रतिबंध लगाए हैं और अनुशंसित किए हैं, उनका पालन करें। भारत द्वारा रियायती दर पर कच्चे तेल की रूसी पेशकश को स्वीकार करने की संभावना वाली एक रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर साकी ने कहा, मुझे नहीं लगता कि यह उन (प्रतिबंधों) का उल्लंघन होगा।
