देश में ग्रीन हाइड्रोजन की शुरुआत | ध्रुवाक्ष साहा / नई दिल्ली March 16, 2022 | | | | |
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य ऊर्जा निर्यातक बनना है, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन जैसी अक्षय ऊर्जा में। केंद्रीय मंत्री ने जापान की वाहन विनिर्माता टोयोटा और इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के सहयोग से आज देश की पहली हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजना - फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन की शुरुआत की।
गडकरी ने कहा कि इसका एक सीधा लाभ यह है कि हम कोयले पर अपनी निर्भरता में कमी करेंगे; सीमेंट, इस्पात, विमानन और अन्य ईंधन-गहन क्षेत्र भविष्य में हरित हाइड्रोजन पर चलेंगे। हमारा लक्ष्य यह है कि भविष्य में भारत हरित हाइड्रोजन का निर्यातक बन जाए। हरित हाइड्रोजन, जिसके निर्माण के लिए केवल नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग किया जाता है, देश की ऊर्जा खपत में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे जोर एक प्रमुख पहलू है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरित हाइड्रोजन कार्यक्रम की शुुरुआत की थी और फरवरी में ऊर्जा मंत्रालय ने ईंधन विनिर्माताओं के लिए कई रियायतों और प्रोत्साहनों के साथ हरित हाइड्रोजन नीति अधिसूचित की थी। पानी से हाइड्रोजन निर्माण करने की प्रक्रिया को इलेक्ट्रोलाइजर के जरिये क्रियान्वित किया जाता है। गडकरी ने कहा कि हालांकि हमने घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रोलाइजर का उत्पादन करना शुरू कर दिया है, लेकिन प्रत्येक इलेक्ट्रोलाइजर की लागत 1.2 करोड़ रुपये आती है।
वाहनों की पूरी तस्वीर बदलेगी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में उम्मीद जताई कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की संख्या में अगले दो से तीन साल में खासी कमी आएगी और इलेक्ट्रिक सहित विभिन्न वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में वाहनों से संबंधित पूरा परिदृश्य बदल जाएगा। गडकरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ईंधन आधारित वाहनों पर आने वाले खर्च को देखते हुए लोग स्वाभाविक रूप से ऐसे वाहनों को पसंद करेंगे। उन्होंने वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे एक ओर लोगों को ईंधन पर होने वाले भारी खर्च से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कच्चे तेल के आयात पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।
गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग से जुड़े बुनियादी ढांचे की कमी के मुद्दे को खारिज करते हुए कहा कि आने वाले समय में वह दिन आएगा, जब चार्जिंग व्यवस्था सभी कार्यालयों सहित हर जगह होगी। उन्होंने कहा कि स्कूटर और कार निर्माता छोटे चार्जर मुहैया करा रहे हैं और पूरे दिन कार का उपयोग करने के बाद रात में चार्ज किया जा सकता है। भाषा
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