दूरसंचार दिग्गज नोकिया द्वारा जारी इंडिया मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2026 तक भारत का 5जी राजस्व 9 अरब डॉलर तक पहुंचने और उसके कुल मोबाइल सेवा राजस्व में उसका योगदान 37.9 फीसदी रहने का अनुमान है। ये अनुमान शोध एजेंसी ग्लोबल डेटा द्वारा जताए गए थे। हालांकि अध्ययन में कहा गया कि वैश्विक रूप से दूरसंचार ऑपरेटर 5जी सेवाओं से अपने कुल राजस्व का 64 फीसदी हासिल करेंगी। हालांकि भारत का वैश्विक 5जी राजस्व में महज 1.39 प्रतिशत योगदान है और वर्ष 2026 तक यह बढ़कर 645 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। इसके दो कारण हैं। पहला, भारत में दरें दुनिया में सबसे कम हैं। दूसरा, 4जी का दबदबा देश में 5जी की पेशकश के बाद भी बना रहेगा। देश में 5जी मोबाइल सेवाओं की पेशकश में विलंब हुआ है। यह पेशकश अब इस साल के अंत तक वाणिज्यिक तौर पर किए जाने की संभावना नहीं दिख रही है। हालांकि हालात काफी हद तक इस पर निर्भर करेंकि क्या 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी समय पर हो पाएगी या नहीं। दुनिया भर में करीब 70 देशों में 180 कंपनियों ने 5जी सेवाओं की पेशकश की है। नोकिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आंकड़ों के अनुसार, भारत में वर्ष 2026 तक 32.9 करोड़ 5जी ग्राहक होंगे, जबकि सलाहकार फर्म ओएमडीआईए ने यह आंकड़ा 36.9 करोड़ रहने का अनुमान जताया है। यह देश में मोबाइल ग्राहकों की मौजूदा संख्या का करीब 30 प्रतिशत है। नोकिया के अधिकारियों का कहना है कि डेटा इस्तेमाल में वृद्धि को देखते हुए ये अनुमान काफी अनुकूल हैं। वर्ष 2026 में भारत का योगदान कुल वैश्विक 5जी ग्राहक आधार पर 9 प्रतिशत से कम रहा। नोकिया की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2022 में यह पूरी दुनिया में 138.9 करोड़ 5जी ग्राहक होंगे, लेकिन भारत की इस क्षेत्र में महज शुरुआत होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मौजूदा समय में 1 करोड़ सक्रिय 5जी डिवाइस हैं और 2021 में 3 करोड़ से ज्यादा 5जी उपकरणों की आपूर्ति देश में की गई थी। इस रुझान की पुष्टि उन कई डिवाइस निर्माताओं द्वारा की गई जो स्मार्टफोन श्रेणी में 5जी-आधारित फोन पर जोर दे रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 4जी में बढ़ते डेटा इस्तेमाल का चलन बरकरार है। वर्ष 2021 में 4 करोड़ डेटा उपयोगकर्ता जुड़े या 2जी और 3जी से 4जी में तब्दील हुए थे। इसके परिणामस्वरूप, 4जी मोबाइल डेटा ग्राहकों की संख्या बढ़कर 74.2 करोड़ हो गई, जो 2018 में महज 43.2 करोड़ थी। अगले कुछ वर्षों के दौरान 5जी की पेशकश के बावजूद 4जी सेवाओं का मोबाइल डेटा में अहम योगदान बना रहेगा।
