डिश में अपनी भूमिका चुने येस बैंक: चंद्रा | देव चटर्जी / मुंबई March 15, 2022 | | | | |
येस बैंक के साथ एस्सेल समूह के विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने कहा कि येस बैंक को डिश टीवी इंडिया के शेयरधारक या ऋणदाता में से कोई एक भूमिका चुन लेनी चाहिए ताकि बैंक के साथ लंबे समय से लटके मुद्दों के समाधान के लिए समूह उसके मुताबिक ही कदम उठा सके।
ज़ी समूह के संस्थापक ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके परिवार की समाधान की पेशकश येस बैंक के पाले में है और बैंक ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। 71 वर्षीय चंद्रा ने कहा, 'अगर येस बैंक एक शेयरधारक के रूप में डिश टीवी का रोजमर्रा का कामकाज संभालना चाहता है तो हम उसे डिश टीवी का नियंत्रण सौंपने को तैयार हैं। लेकिन अगर वह ऋणदाता है तो हम बकाया निपटारे पर बातचीत के लिए तैयार हैं।'
कर्ज चुकाने में चूक करने के बाद येस बैंक ने चंद्रा परिवार के गिरवी शेयर जब्त कर लिए हैं, जिससे चंद्रा परिवार की हिस्सेदारी घटकर 6 फीसदी रह गई है। डिश टीवी में इस समय बैंक की 25.63 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य आज के शेयर भाव के मुताबिक 713 करोड़ रुपये था। बैंक का दावा है कि उसने 2015 से 2018 के बीच एस्सेल समूह की 10 अलग-अलग कंपनियों को 5,270 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है।
चंद्रा के मुताबिक एस्सेल समूह की प्रवर्तक कंपनियों पर 4,200 करोड़ रुपये बकाया हैं, लेकिन बैंक ने समूह की अन्य कंपनियों के कर्ज भी इसी में जोड़ दिए हैं, जिससे कुल राशि बढ़कर 5,270 करोड़ रुपये हुई है।
चंद्रा ने कहा, 'हम अपने कर्जदाताओं को पहले ही 91 फीसदी भुगतान कर चुके हैं। डिश टीवी में येस बैंक की हिस्सेदारी की कीमत से भी ज्यादा रकम देकर हम उसके साथ निपटारे को तैयार हैं।' चंद्रा ने कहा, 'हमारी पेशकश उन अन्य खातों से काफी बेहतर होगी, जिनमें बैंक को बकाया राशि के मामूली हिस्से से ही संतोष करना पड़ा है।'
इस साल दिसंबर में डिश टीवी इंडिया के शेयरधारकों ने डिश टीवी के बोर्ड में प्रवर्तक द्वारा मनोनीत निदेशक को हटाने और मार्च 2021 में समाप्त वर्ष के कंपनी के सालाना खातों के खिलाफ भी मत दिया था।
चंद्रा ने कहा कि उनके परिवार ने ऋणदाताओं का कर्ज चुकाने के लिए समूह की सबसे अहम कंपनी ज़ी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी बेची है। चंद्रा ने कहा, 'हमने कई मामलों में बैंक का 80 फीसदी बकाया चुकाया है और मैंने बैंकों से वादा किया है कि दूसरे कारोबारों से मुनाफा हुआ तो हम और भुगतान भी करेंगे।'
एस्सेल समूह मुश्किल में इसलिए फंस गया क्योंकि उसकी प्रवर्तक कंपनियों ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिए कई बैंकों से 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया। कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं अटकने से निवेश फंस गया और बैंकों ने ज़ी एंटरटेनमेंट समेत प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों पर कब्जा कर लिया। इस समय ज़ी में चंद्रा परिवार की केवल 4 फीसदी हिस्सेदारी है।
ज़ी ने पिछले साल दिसंबर में अपनी प्रतिद्वंद्वी सोनी एंटरटेनमेंट के साथ विलय की घोषणा की थी। इससे देश की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी बनेगी, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 25 फीसदी होगी। विलय का यह प्रस्ताव फिलहाल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के पास पड़ा है। चंद्रा ने कहा, 'ज़ी और सोनी के विलय की प्रक्रिया ठीक चल रही है और मंजूरी का इंतजार है।'
चंद्रा ने समूह की भविष्य की योजनाओं के बारे में कहा कि समूह ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन पर ध्यान केंद्रित करेगा। ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन समाचार और इन्फोटेनमेंट कंपनी है, जिसके 30 करोड़ खास दर्शक हैं।
|