फरवरी में 25 प्रतिशत बढ़ा निर्यात | श्रेया नंदी / नई दिल्ली March 14, 2022 | | | | |
फरवरी में देश से कुल 34.57 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात हुआ। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी स्थायी आंकड़ों के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों और अभियांत्रिकी वस्तुओं की निर्यात में बड़ी हिस्सेदारी रही। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में फरवरी में देश से निर्यात एक चौथाई (25 प्रतिशत) बढ़ा है। मगर व्यापार घाटा भी बढ़कर 20.88 अरब डॉलर हो गया।
रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष के कारण आयातित वस्तुएं अधिक महंगी हो गईं और जिंसों की कीमतों में भी इजाफा देखा गया। इससे पहले जनवरी में व्यापार घाटा पांच महीनों के निचले स्तर पर आ गया था। पिछले वर्ष फरवरी में व्यापार घाटा 15.1 अरब डॉलर था। जनवरी में यह आंकड़ा 17.42 अरब डॉलर रहा था।
निर्यात के साथ देश का आयात भी बढ़ा है। फरवरी में देश में 55.45 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात हुआ। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में आयात 35 प्रतिशत अधिक रहा है। पेट्रोलियम एवं कच्चे पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और मोती, कीमती नगों आदि की मात्रा आयात में अधिक रही।
विशेषज्ञों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के बढ़ते दाम से आने वाले समय में व्यापार घाटा और बढ़ सकता है। इस बारे में इंडिया एक्जिम बैंक में मुख्य महाप्रबंधक (शोध एवं विश्लेषक) प्रहलातन अय्यर ने कहा, 'अप्रैल से फरवरी 2022 के दौरान देश में हुए कुल आयात में कच्चे तेल एवं उत्पादों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रही है। कोविड-19 महामारी से पहले 2019-20 में भी इन उत्पादों की आयात में इतनी ही हिस्सेदारी थी। वैसे तो यह कोई खतरे की बात नहीं है मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में लगातार बढ़ोतरी से अगले वर्ष व्यापार संतुलन बिगड़ सकता है।'
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'गैर-स्वर्ण आयात में सालाना आधाार पर काफी तेज वृद्धि से व्यापार घाटा फरवरी 2022 में बढ़कर 20.9 अरब डॉलर पहुंच गया। फरवरी 2021 में यह 13.1 अरब डॉलर था। इसमें कोई शक नहीं कि जिंसों की कीमतें ऊंची रहने से मार्च 2022 में आयात में इजाफा होगा मगर तेल का आयात मोटे तौर पर यह तय करेगा कि व्यापार घाटा कितना रहेगा। हमें लगता है कि इस महीने में व्यापार घाटा 20 अरब डॉलर से अधिक रह सकता है।'
नायर ने कहा कि व्यापार घाटा अधिक रहने से चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2022 की तीसरी मिताही में 3 पतिशत से अधिक रह सकता है। उन्होंने कहा कि जून 2013 तिमाही के बाद पहली बार ऐसा होगा जब यह 3 प्रतिशत का स्तर पार कर जाएगा। नायर ने कहा, 'अगर कच्चे तेल का दाम 115 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहा तो वित्त वर्ष 2023 के लिए चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.8 प्रतिशत रह सकता है। भू-राजनीतिक तनाव कितने लंगे समय तक रहेगा यह बात काफी मायने रखेगी।'
जहां तक निर्यात की बात है तो चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में 374.81 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात हुआ। वित्त वर्ष 2022 में 400 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं के निर्यात का अनुमान था।
|