विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया गया है और छात्र बसों में सवार हो कर पोलतावा शहर के लिए रवाना हो गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, 'यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने सूमी से सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया है। वे अभी पोलतावा शहर के लिए रास्ते में हैं जहां से वे पश्चिमी यूक्रेन के लए रेलों पर सवार होंगे।' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत उड़ानों में उन्हें भारत वापस लाया जाएगा। भारत, 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद से, पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे 17,100 से अधिक भारतीय छात्रों को अब तक वापस ले आया है। सूमी में रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच कई दिनों से जंग चल रही है। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से भारतीय छात्रों को निकालना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'मैंने नियंत्रण कक्ष में बात की है, बीती रात तक सूमी में 694 भारतीय छात्र थे। वे सभी आज बसों से पोलतावा के लिए रवाना हो गए हैं।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की थी और सूमी से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के तरीकों पर चर्चा की थी, जो पूर्वी यूरोपीय देश पर रूस के हमले के बाद वहां फंस गए हैं। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सोमवार को कहा था कि सूमी में फंसे भारतीय छात्रों की पोलतावा से होते हुए पश्चिमी सीमाओं तक सुरक्षित निकासी में समन्वय के लिए मिशन का एक दल पोलतावा शहर में तैनात है। भारतीय स्वदेश पहुंचे रोमानिया के सुसेवा से दो नागरिक उड़ानों से मंगलवार को 410 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया। नागर विमानन मंत्रालय ने यह जानकारी दी। रूसी सैन्य हमले के कारण यूक्रेन का हवाई क्षेत्र 24 फरवरी से बंद है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड जैसे पड़ोसी देशों में पहुंचने के बाद विमानों के जरिये भारत लाया जा रहा है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन गंगा के तहत सुसेवा से दो विशेष नागरिक उड़ानों द्वारा आज (8 मार्च) 410 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि उसने युद्धग्रस्त देश में माइकोलाइव बंदरगाह पर फंसे 75 भारतीय नाविकों में से 52 को निकाल लिया है। उसने यह भी बताया कि बाकी के 23 नाविकों को निकालने का मंगलवार को प्रयास किया जाएगा। भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'दूतावास ने माइकोलाइव बंदरगाह पर फंसे 75 भारतीय नाविकों को निकालने के लिए हस्तक्षेप किया। कल दूतावास ने बसों की व्यवस्था की जिससे लेबनान के दो और सीरिया के तीन नाविकों समेत कुल 57 नाविकों को निकाला गया।' उसने कहा, 'मार्ग संबंधी अड़चनों से बाकी के 23 नाविकों को निकालने में बाधा आई।' यूक्रेन से मध्य प्रदेश के 496 निवासी अब तक सुरक्षित वापस अपने घर लौट चुके हैं।रूस पर अमेरिका का बढ़ेगा प्रतिबंध यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के जवाब में रूसी अर्थव्यवस्था पर शिकंजा कसने के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमिर जेलेंस्की ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से कई बार रूसी आयात में कटौती का अनुरोध किया है जिसके बाद अमेरिका यह कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। यूरोप अपनी खपत की करीब एक-तिहाई प्राकृतिक गैस रूस से लेता है। वहीं दूसरी तरफ चीन के राष्ट्रपति ने रूस पर पाबंदियों की आलोचना की है। चीन ने कहा है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैकों और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ वार्ता में यूक्रेन के खिलाफ हमले के लिए रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए इसे सभी पक्षों के लिए नुकसानदेह बताया। चीन ने रूस का समर्थन करते हुए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को संघर्ष भड़काने के लिए दोषी ठहराया है। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को तीन बाल्टिक देशों की अपनी यात्रा पूरी की और रूस के यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच सोवियत संघ का हिस्सा रहे देशों को नाटो की सुरक्षा का आश्वासन दिया।400 नागरिकों की मौत यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने रूस के हमलों से हुए नुकसान और लोगों के हताहत होने के संबंध में नया अनुमान जारी किया है। उन्होंने कहा कि रूस की सेना के हमलों में 38 लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हो गए। रेजनिकोव ने एक वीडियो संदेश में कहा कि अब तक कुल मिलाकर कम से कम 400 असैन्य नागरिकों की मौत हो गई और 800 घायल हो गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को मंगलवार को ब्रिटिश संसद के सदस्यों को डिजिटल माध्यम से संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस के स्पीकर सर लिंडसे होयले ने इसकी पुष्टि की। रक्षा और आर्थिक संबंध मजबूत करना जरूरी : ब्रिटिश विदेश मंत्री ब्रिटेन ने सोमवार को कहा कि रूस-यूक्रेन संकट पर भारत का रुख रूस पर उसकी निर्भरता का परिचायक है और आगे की राह यह सुनिश्चित करना है कि भारत एवं ब्रिटेन के बीच आर्थिक एवं रक्षा संबंध मजबूत हों। ब्रिटेन के संसद की विदेश मामलों की समिति (एफएसी) की सुनवाई के दौरान भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री लिज ट्रस ने यह बात कही। यह समिति विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय के प्रशासन एवं नीति की समीक्षा के लिए जिम्मेदार होती है और इसमें सभी दलों के सदस्य होते हैं।
