प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था में नए और उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए भारत के बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नवोन्मेषी उत्पाद एवं सेवाएं लाने की जरूरत है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा आयोजित बजट बाद वेबिनार में प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे 8 से 10 क्षेत्रों की पहचान करने की जरूरत है जिनमें भारत दुनिया में शीर्ष तीन में जगह बना सके और वित्तीय संस्थानों को इन क्षेत्रों की मदद करनी चाहिए। मोदी ने कहा, 'हमें ऐसे 8 से 10 क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जिनमें भारत दुनिया में शीर्ष तीन में स्थान बना सके और इसमें निजी क्षेत्रों की भागीदारी अहम हो सकती है। क्या हमारे वित्तीय संस्थान इन क्षेत्रों की मदद कर सकते हैं?' उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों की कंपनियों को वित्तीय संस्थानों द्वारा सक्रियता से मदद की जानी चाहिए। मोदी ने कहा कि इनमें निर्माण, बुनियादी ढांचा, स्टार्टअप, ड्रोन और भू-स्थानिक जैसे क्षेत्रा हो सकते हैं। उन्होंने कहा, 'उद्यमशीलता और नवोन्मेष का विकास तथा स्टार्टअप के लिए नए बाजारों की तलाश तभी संभव होगा जब उन्हें वित्त मुहैया कराने वालों में भविष्य के विचारों की गहरी समझ होगी।' भारत से गेहूं के निर्यात की हालिया मांग का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि भारत इस अवसर का लाभ उठा सकता है और वित्तीय संस्थानों को नवोन्मेषी विचारों के साथ आगे आकर इसका अधिकतम लाभ उठाने के बारे में सोचना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की कृषि-उपज की दुनिया भर में व्यापक बाजार है, जिसका अभी पूरी तरह से दोहन नहीं हुआ है और उत्पादन से लेकर पैकेजिंग और ब्रांडिंग तक की पूरी प्रक्रिया में वित्तीय समाधान की जरूरत होती है। दुनिया के दो सबसे बड़े गेहंू उत्पादक देशों रूस और यूक्रेन के बीच युद्घ छिडऩे के मद्देनजर विश्लेषकों का कहना है कि बगर वैश्विक बाजार की स्थिति इसी तरह बनी रहमती है तो भारत का गेहूं निर्यात 2022-23 में 1 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है। चालू वित्त वर्ष में 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि रूस-यूक्रेन संकट से भारत के गेहूं के दाम 320 डॉलर से बढ़कर 360 डॉलर प्रति टन हो गए हैं।
