प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने आज घोषणा की कि वह तेलंगाना के हैदराबाद में अपना चौथा डेटा सेंटर स्थापित करेगी। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि उस पर कितना निवेश किया जाएगा और नए डेटा सेंटर के परिसर का आकार क्या होगा। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि यह भारत का एक सबसे बड़ा डेटा सेंटर होगा जो 2025 तक चालू हो जाएगा। कंपनी इस पर अगले 15 वर्षों के दौरान 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने जा रही है। तेलंगाना सरकार के नगरीय प्रशासन एवं शहरी विकास, उद्योग एवं वाणिज्य और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामा राव ने कहा कि कंपनी तेलंगाना में अपने विस्तार और डेटा सेंटर के विकास पर 15 वर्षों की अवधि में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य में दूसरा सबसे बड़ा एफडीआई निवेश है। कंपनी ने कहा कि यह रणनीतिक निवेश क्लाउड और एआई-समर्थ डिजिटल अर्थव्यवस्था में ग्राहकों की मदद करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और वह दुनिया के सबसे बड़े क्लाउड बुनियादी ढांचे का हिस्सा बन जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट ने 2015 में भारत में अपने डेटा सेंटर का सफर शुरू किया था। उसने मुंबई, पुणे और चेन्नई में अपने डेटा सेंटर स्थापित किए हैं। यह डेटा सेंटर निजी उद्यमों के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र से माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेगा। यह एंटरप्राइज, स्टार्टअप, डेवलपर, शिक्षा और सरकारी संस्थानों के लिए क्लाउड, डेटा समाधान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उत्पादकता टूल्स और ग्राहक सेवा प्रबंधन (सीआरएम) में माइक्रोसॉफ्ट के पूरे पोर्टफोलियो की पेशकश करेगा। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष अनंत माहेश्वरी ने कहा, 'अगले दो से तीन वर्षों के दौरान भारत में 10 अरब डॉलर से अधिक के क्लाउड अवसर होंगे। लेकिन सबसे महत्त्वपूण बात यह है कि डेटा सेंटर का रोजगार सृजन पर जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। भारत में हमारे पास माइक्रोसॉफ्ट से प्रमाणित करीब 4.5 लाख इंजीनियर हैं और इस सेंटर से भी रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।'
