कंपनियों के लैंगिक समानता पर जोर देने के बावजूद उद्योगों में नेतृत्व वाली भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। सोमवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह कहा गया। मर्सर के 'भारत कुल पारिश्रमिक सर्वेक्षण (टीआरएस)-2021' सर्वेक्षण के अनुसार, प्रवेश स्तर पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं की दिया जाने वाला वेतन आदि भुगतान 95-99 प्रतिशत था। वहीं यह अनुपात मध्यम से वरिष्ठ स्तर की श्रेणी पर आते काफी कम हो जाता है। सर्वेक्षण के अनुसार, मध्यम से वरिष्ठ श्रेणी में महिलाओं का पारिश्रामिक पुरुष सहयोगियों के मुकाबले घटकर 87 से 95 प्रतिशत रह जाता है। सर्वेक्षण में कहा गया कि वेतन में कमी, पदोन्नति की धीमी गति, वृद्धि के अवसरों और प्रतिनिधित्व वाली भूमिकाओं जैसे मुख्य कारणों से महिलाओं का वेतन अपने पुरुष सहयोगियों की तुलना में कम रहता है।
