'भाजपा को पहले से अधिक सफलता मिलेगी' | सिद्धार्थ कलहंस / March 05, 2022 | | | | |
बीएस बातचीत
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी दो चरणों में सबसे शानदार नतीजों को लेकर आशान्वित उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सिद्धार्थ कलहंस से बातचीत की। मौर्य का कहना है कि कानून व्यवस्था, सड़क-पानी और बिजली जैसे अहम मुद्दों से भाग रहे विपक्ष को पता है कि मौजूदा सरकार ने इन सब पर बेहतर काम किया है। बातचीत के प्रमुख अंश:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के सात चरणों में आपकी नजर में कौन सा सबसे बेहतर रहा है भाजपा के लिए?
वैसे तो हमारे लिए सभी चरण बहुत ही अच्छे रहे हैं पर मेरा मानना है और जैसा लोगों की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में हो रहा छठा व सातवां चरण सबसे शानदार नतीजे देने वाला है। आखिरी के चरणों में जनता विपक्ष को बुरी तरह से नकारने जा रही है और भाजपा को पहले से भी अधिक सफलता मिलेगी।
उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार कौन से मुद्दे प्रभावी रहे हैं?
हमने पूरा चुनाव विकास और सुशासन के मुद्दे पर ही लड़ा है। प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था और गुंडों-माफियाओं पर जिस तरह सरकार ने लगाम लगाई उसने जनता में विश्वास पैदा किया है। पहले विपक्ष चुनावों में सड़क, बिजली पानी और कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाता था पर इस बार नहीं। मेरा कहना है कि बीते पांच वर्षों तक चली हमारी सरकार तो ट्रेलर था और पूरी फिल्म अगले पांच वर्षों की सरकार में देखने को मिलेगी।
अभी तक जिन चरणों के मतदान हुए हैं उससे क्या लग रहा है?
हम पूरी तरह से संतुष्ट हैं। हमारे पक्ष में 2017 की ही तरह से नतीजे आएंगे। कारण साफ है कि कोई गुंडाराज नहीं चाहता और न ही जातिवाद व भ्रष्टाचार की वापसी। जनता सुरक्षा और सुशासन चाहती है जो भाजपा की सरकार दे रही है। विपक्ष के कई दल आपस में मिले हैं और अगर सभी मिलकर एक हो जाएं तो भी उस तरह का सुशासन नहीं दे सकते हैं जो बीते पांच वर्षों में देखने को मिला है।
विपक्ष पिछड़ों की गोलबंदी कर रहा है जो आपकी जीत के मुख्य कारक रहते थे?
वैसे तो हम अगड़े-पिछड़ों की बात नहीं करते और इन्हें अलग-अलग देखते या व्यवहार करते हैं। हमारे राज में ये सभी अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं। विपक्ष ने जो जातियों की गोलबंदी करने की कोशिश की है तो सभी जानते हैं कि ये ढोंग कर रहे हैं। अखिलेश यादव की राजनीति इस मामले में फेल साबित हुई है। जनता ने इनकी राजनीति को नकार दिया है।
भाजपा से कुछ बड़े पिछड़ों चेहरों ने पार्टी छोड़ी है। इसका कितना असर होगा?
जिन लोगों की बात आप कर रहे हैं ये हमारे साथ 2014 के लोकसभा चुनावों में नहीं थे। फिर भी हमें जबरदस्त सफलता मिली थी। सच तो ये हैं कि पिछले विधानसभा चुनावों में ये नेता (स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान) हमारे साथ आए, विधायक बने और मंत्री भी। हमारे साथ आए तो जीते ये सभी। ओमप्रकाश राजभर भी हमारी वजह से विधानसभा का मुंह देख पाए। चेहरा तो हमारे पास सबसे बड़ा है। काशी के सांसद (प्रधानमंत्री ) से बड़ा चेहरा किसका है। हमारी पूरी सरकार को देखिए सामाजिक समीकरण का पूरा गुलदस्ता है।
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