प्रमुख एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने फरवरी में विभिन्न किस्तों में अपने उत्पादों की कीमतों में 3 से 13 फीसदी के दायरे में बढ़ोतरी की। सबसे अधिक 13 फीसदी की वृद्धि 100 ग्राम लक्स साबुन पैक में देखी गई जिसकी कीमत 31 रुपये से बढ़कर 35 रुपये हो गई। लाइफबॉय साबुन के 125 ग्राम पैक की कीमत 31 रुपये से 6.5 फीसदी बढ़कर 33 रुपये हो गई। जनवरी में कंपनी ने उसकी कीमत को 29 रुपये से बढ़ाकर 31 रुपये कर दिया था। कंपनी के एक वितरक ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि पूरे फरवरी महीने के दौरान कंपनी ने अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में मूल्य वृद्धि की। जनवरी में व्हील, सर्फ एक्सेल और लाइफबॉय ब्रांड के दाम 3 से 30 फीसदी के दायरे में बढ़ाए जाने के बावजूद फरवरी में कीमतें बढ़ाई गईं। कच्चे माल की लागत में हो रही लगातार वृद्धि के मद्देनजर कीमतों में इजाफा किया गया है। ताजा दौर के तहत जिन उत्पादों के दाम बढ़ाए गए हैं उनमें डव शैंपू (180 मिली) भी शामिल है जिसकी कीमत 3 फीसदी बढ़कर 165 रुपये हो गई है। इसके अलावा कंपनी ने किसान जैम (500 ग्राम) की कीमत 3.2 फीसदी बढ़ाकर 160 रुपये कर दिया। इसी प्रकार हॉर्लिक्स (1 किलोग्राम पैक) का मूल्य 4 फीसदी बढ़ाकर 375 रुपये से 390 रुपये कर दिया गया। पेप्सोडेंट टूथपेस्ट (80 ग्राम पैक) की कीमत 4 फीसदी बढ़कर 52 रुपये हो गई और सर्फ एक्सेलज (1 किलोग्राम पैक) की कीमत में भी 4 फीसदी का इजाफा किया गया। विम बार भी 4 फीसदी महंगा होकर 26 रुपये का हो गया। एक अन्य वितरक ने कहा कि लक्स साबुन पैक के बंडल में भी मूल्य वृद्धि दर्ज की गई जिसकी कीमत 150 रुपये से बढ़कर 160 रुपये हो गई। नवंबर में एचयूएल ने अपने उत्पादों की कीमतों में 1 से 33 फीसदी के दायरे में वृद्धि की थी। एचयूएल एकमात्र ऐसी एफएमसीजी कंपनी नहीं है जो अपने उत्पादों के दाम बढ़ा रही है बल्कि कई अन्य प्रमुख कंपनियों ने भी मूल्य वृद्धि की है। अमूल ने 1 मार्च से प्रति लीटर दूध की कीमतों में 2 रुपये का इजाफा किया है और उसके बाद पराग मिल्क फूड्स ने भी कीमतों में बढ़ोतरी की। डाबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी मोहित मल्होत्रा ने हाल में बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति 13 फीसदी से अधिक के अभूतपूर्व स्तर पर थी। उन्होंने कहा, 'हाइड्रोकार्बन डेरिवेटिव्स, कागज आधारित पैकिंग सामग्री, कच्चा शहद, खद्य तेल और हमारे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ प्रमुख मसालों में लगातार तेजी दर्ज की गई। हमने लागत में कटौती के अलावा स्वास्थ्य पूरक, आयुर्वेदिक ओटीसी, केश तेल, टूथपेस्ट आदि प्रमुख उत्पादों की कीमतों में करीब 5 फीसदी की वृद्धि के साथ बढ़ी हुई लागत के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने की कोशिश की।' दिसंबर के बाद बें्रट क्रूड ऑयल की कीमतें करीब 37 फीसदी बढ़कर करीब 75 डॉलर प्रति बैरल से 103 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं। तेल कीमतों में वृद्धि से विभिन्न क्षेत्रों में परिवहन, लॉजिस्टिक्स और पैकिंग लागत प्रभावित होती है।
