छठे चरण का मतदान आज, मैदान में कई दिग्गज | बीएस संवाददाता / March 02, 2022 | | | | |
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के छठे चरण के मतदान में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई वीआईपी प्रत्याशियों की चुनावी किस्मत मतपेटियों में बंद हो जाएगी। गुरुवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में जहां खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गृह जिले गोरखपुर से प्रत्याशी हैं तो कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही देवरिया की पथरदेवा, जय प्रताप सिंह बांसी, जयप्रकाश निषाद रुद्रपुर, सतीशचंद्र द्विवेदी इटावा, उपेंद्र तिवारी फेफना, पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर के फाजिलनगर, राजकिशोर सिंह हर्रैय्या व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी बांसडीह बलिया जिलेे, पूर्व मंत्री लालजीवर्मा कटेहरी और राम अचल राजभर अकबरपुर सीट से उम्मीदवार हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के छठे चरण के चुनाव में अंबेडकरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया व बलिया जिलों की 57 सीटों पर गुरुवार को मतदान होगा। पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 46, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पांच, समाजवादी पार्टी (सपा) ने दो सीटें जीती थीं। अपना दल, सुभासपा और कांग्रेस के खाते में एक-एक सीट व एक सीट निर्दलीय को मिली थी। पिछले कई चुनावों में इस चरण में बसपा को मिलती रही सफलता के चलते उसके प्रदर्शन पर भी इस बार लोगों की निगाहें हैं।
इस चरण में जहां चुनाव हो रहे हैं उनमें मुख्यमंत्री योगी का जिला गोरखपुर भी शामिल है जहां कुल नौ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 2017 में आठ पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी जबकि एक सीट चिल्लूपार बसपा के खाते में गई थी। गोरखपुर की सभी सीटों के अलावा आसपास के जिलों में भी योगी प्रभाव है। इसी प्रभाव के चलते वह खुद यहां से चुनाव लड़ रहे हैं कि इसका फायदा दूसरी सभी सीटों पर भी भाजपा को मिलेगा। ऐसे में यहां योगी का असर भी कसौटी पर कसा जाएगा। वहीं, चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार पडरौना की जगह फाजिलनगर से चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले स्वामी 2012 और 2017 में पडरौना सीट से विधायक चुने गए। अगर फाजिलनगर सीट की बात करें तो यह सीट 2012 और 2017 में भाजपा का कब्जा रहा है। इस बार स्वामी प्रसाद के मैदान में उतरने से यह सीट हाई प्रोफाइल हो गई है। इसके अलावा अंबेडकरनगर की तीन सीटें भी काफी महत्त्वपूर्ण है। कटेहरी सीट बसपा का गढ़ माना जाता है। पिछली बार इस सीट से लालजी वर्मा जीते थे, लेकिन वह इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं।
|