रूस की सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के एक मुख्य चौराहे तथा अन्य असैन्य ठिकानों पर मंगलवार को हमला किया। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और नजदीक पहुंच गई है तथा करीब 40 मील के काफिले में रूस के टैंक और अन्य सैन्य वाहन कूच कर रहे हैं। रूस पर लगाए गए कठिन आर्थिक प्रतिबंधों के चलते अलग-थलग पडऩे के बीच रूसी सैनिक युद्ध के छठे दिन यूक्रेन के दो सबसे बड़े शहरों की ओर बढ़ गए। रूस के इस हमले ने 21वीं सदी की विश्व व्यवस्था को झकझोर दिया है। ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में लगभग 15 लाख की आबादी वाले रणनीतिक खारकीव में क्षेत्र के सोवियत-युग के प्रशासनिक भवनों और आवासीय क्षेत्रों में विस्फोट होते दिखाई दिए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने खारकीव के मुख्य चौराहे पर हुए मिसाइल हमले को 'निर्विवाद आतंक' करार दिया और इसे युद्ध अपराध कहा। उन्होंने कहा, 'कोई भी माफ नहीं करेगा। कोई नहीं भूलेगा। यह रूसी संघ का राज्य आतंकवाद है।' जेलेंस्की ने आज यूरोपीय संघ की संसद से एक भावनात्मक अपील में कहा कि यूक्रेन 'यूरोप का समान सदस्य बनने के लिए भी' लड़ रहा है। शहरों पर हमले के अलावा, ऐसी खबरें सामने आई हैं कि रूस ने आबादी वाले तीन क्षेत्रों पर क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया है। रूस की संसद ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उसने इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया है और फिर से जोर देकर कहा है कि उसके बलों ने केवल सैन्य ठिकानों पर हमला किया। हालांकि, घरों, स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की कई तस्वीरें सामने आई हैं। वार्ता समाप्त युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता केवल आगे के दौर की वार्ता पर सहमति बनने के साथ ही समाप्त हो गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि बमबारी में बढ़ोतरी केवल उन पर दबाव बनाने के मकसद से की गई है। उन्होंने सोमवार को देर रात जारी वीडियो संदेश में कहा, 'रूस इन आसान तरीकों से (यूक्रेन पर) दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।' जेलेंस्की ने दोनों पक्ष के बीच हुई लंबी वार्ता की जानकारी नहीं दी लेकिन उन्होंने कहा कि कीव कोई रियायत देने को तैयार नहीं है, वह भी तब जब एक ओर रॉकेट और तोप से हमले किए जा रहे हैं। पिछले पांच दिन से जारी युद्ध से रूस अलग-थलग पड़ता जा रहा है जबकि यूक्रेन से भी उसे अप्रत्याशित रूप से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा रहा है। घरेलू स्तर पर रूस को आर्थिक रूप से भी झटका लगा है। बेलारूस की सीमा पर सोमवार को जब रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता हो रही थी तभी कीव में धमाके सुनाई दे रहे थे और रूसी सैनिक 30 लाख की आबादी वाली यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रहे थे। मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा उपलब्ध कराई गई उपग्रह तस्वीरों के मुताबिक बख्तरबंद गाडिय़ों, टैंक, तोप और अन्य सहायक वाहनों का काफिला शहर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर है और इसकी लंबाई करीब 40 मील है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस की सेना के लिए कीव मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा, 'वे हमारे देश की राष्ट्रीयता को खंडित करना चाहते हैं और इसलिए राजधानी लगातार खतरे में है।' यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े और करीब 15 लाख आबादी वाले शहर खारकीव से आए वीडियो में दिख रहा है कि रिहायशी इलाकों में बमबारी हो रही है। जोरदार धमाकों से लगातार अपार्टमेंट इमारतों में कंपन हो रहा है और आसमान में आग तथा धुएं का गुबार दिखाई दे रहा है। युद्धग्रस्त यूक्रेन के अन्य शहरों और कस्बों में भी लड़ाई चल रही है। जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी अरेस्टोविच ने बताया कि रणनीतिक रूप से अहम और अजोव सागर के किनारे स्थित बंदरगाह शहर मारियुपोल की स्थिति अधर में है। पूर्वी शहर समी के तेल डिपो पर बमबारी की भी खबर है। वहीं दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के मुख्य अभियोजक ने कहा है कि वह जांच शुरू करने की योजना बना रहा है और संघर्ष की निगरानी कर रहा है। यूक्रेन के अधिकारियों ने रविवार को खारकीव और कीव के बीच ओख्तिरका शहर में एक सैन्य अड्डे पर हमले का विवरण और तस्वीरें जारी करते हुए कहा कि कुछ स्थानीय निवासियों के साथ 70 से अधिक यूक्रेनी सैनिक मारे गए। नाटो का बयान नाटो प्रमुख ने कहा कि रूस की धमकियों के बावजूद गठबंधन को अपने परमाणु अस्त्र अलर्ट स्तर को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है। गठबंधन के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा के साथ यूरोपीय सुरक्षा पर बातचीत के बाद एसोसिएटेड प्रेस से बात की। वे मध्य पोलैंड के लस्क में एक एयर बेस पर मिले जहां नाटो के पोलैंड और अमेरिकी लड़ाकू जेट विमान मौजूद हैं। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, 'हम हमेशा वही करेंगे जो हमारे सहयोगियों की रक्षा और बचाव के लिए आवश्यक है, लेकिन हमें नहीं लगता कि नाटो के परमाणु बलों के चेतावनी स्तर को बदलने की कोई आवश्यकता है।' क्रेमलिन ने परमाणु युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सप्ताहांत के आदेश के बाद उसके भूमि, वायु और समुद्री परमाणु बल हाई अलर्ट पर हैं। नाटो के पास स्वयं कोई परमाणु हथियार नहीं है लेकिन इसके तीन सदस्यों-अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के पास परमाणु अस्त्रों का भंडार है। भाषा
