धन्नासेठों का कलाकृतियों पर दांव | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली March 01, 2022 | | | | |
तीन करोड़ डॉलर यानी करीब 226 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा हैसियत वाले अति धनाढ्य भारतीयों को कलाकृतियों में रकम लगाना सबसे अधिक पसंद है। ऐसे धन्नासेठों ने 2021 में कलाकृतियों में ही सबसे ज्यादा निवेश किया। नाइट फ्रैंक वेल्थ रिपोर्ट 2022 के मुताबिक उसके बाद आभूषणों और पुरानी कारों में सबसे ज्यादा निवेश किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार निवेश के हिसाब से तरजीह पाने वाले संपत्ति वर्गों की स्थिति में भी बदलाव आया है। पहले निवेश के लिहाज से सबसे पसंदीदा लक्जरी हैंडबैग और वाइन 2021 में पांचवें तथा सातवें स्थान पर खिसक गए। नाइट फ्रैंक के लक्जरी निवेश सूचकांक (वैश्विक) के मुताबिक कलाकृतियों से 12 महीने में 13 फीसदी रिटर्न मिला है और 10 साल में इसका रिटर्न 75 फीसदी तक रहा है।
रिपोर्ट कहती है, 'अति धनाढ्य भारतीयों की निवेश योग्य संपत्ति का 11 फीसदी उन चीजों लगाया गया है, जिनके प्रति उनमें जुनून है। दुनिया भर में इस तरह के निवेश का औसत 16 फीसदी है। इसी तरह करीब 29 फीसदी भारतीय धन्नासेठों ने 2021 के दौरान इस तरह का निवेश किया है। उस वस्तु का मालिक होने का आनंद रिटर्न के आंकड़ों पर भारी पड़ा है। '
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, 'खास तौर पर शेयर बाजार और डिजिटल क्षेत्र को अपनाने में तेजी से भारत में अति धनाढ्यों की संपत्ति में इजाफा हुआ है। अति धनाढ्यों और अरबपतियों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी के साथ भारत अपने वैश्विक प्रतिस्पद्र्घी देशों में सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बन सकता है। इसके साथ ही धनकुबेरों ने जहां खुद को आर्थिक रूप और मजबूत बनाया है, वहीं विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादा ताकतवर बनकर उभरे हैं।'
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार अति धनाढ्य भारतीयों की 29 फीसदी संपत्ति पहले और दूसरे घर की खरीद के लिए खर्च की गई। इस वर्ग की निवेश योग्य संपत्ति का 22 फीसदी व्यावसायिक संपत्तियों (किराये पर चढ़ाने वाली संपत्ति, दफ्तर आदि) खरीदने में निवेश किया गया और 8 फीसदी निवेश योग्य संपत्ति रीट सहित व्यावसायिक संपत्तियों को खरीदने में लगाई गई। इन अति धनाढ्य लोगों की संपत्ति के पोर्टफोलियो का 8 फीसदी विदेशों में लगा हुआ है।
2021 में अति धनाढ्य लोगों की संख्या भारत और दुनिया भर में लगातार बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में अति धनाढ्य लोगों की संख्या 13,637 है, जो पिछले साल की तुलना में 11 फीसदी बढ़ी है। दुनिया भर में ऐसे धनकुबेरों की संख्या 6,10,569 है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के इन अति धनाढ्यों में से करीब 12 फीसदी मुंबई में रहते हैं। नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2026 तक मुंबई में अति धनाढ्य लोगों की संख्या 29.6 फीसदी बढ़कर 2,069 होने का अनुमान है। पिछले 5 साल में मुंबई में अति धनाढ्यों की संख्या 2016 की 1,119 से 42.6 फीसदी बढ़कर 2021 में 1,596 हो गई।
वैश्विक स्तर पर महंगे इलाके की बात करें तो 2021 में मोनाको दुनिया का सबसे महंगा शहर रहा, जहां 14.6 वर्ग मीटर जगह खरीदने के लिए आपको 10 लाख डॉलर खर्च करने पड़ सकते हैं।
|