देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ लिमिटेड करीब दस साल के बाद चेन्नई के रिहायशी क्षेत्र में अपनी वापसी कर रही है। कंपनी ने ओएमआर (ओल्ड महाबलीपुरम रोड) क्षेत्र में प्लॉटिंग वाली रिहायशी परियोजना के साथ चेन्नई में दस्तक देने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा कंपनी दो अन्य रिहायशी परियोजनाओं की भी योजना बना रही है जिनमें मध्य चेन्नई में एक हाई-राइज प्रीमियम परियोजना और शहर के बाहरी क्षेत्र श्रीपेरुम्बुदुर में एक अन्य परियोजना शामिल हैं। ओएमआर परियोजना में करीब 700 करोड़ रुपये के अनुमानित कुल कारोबार के साथ करीब 150 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। गुरुग्राम, दिल्ली और चंडीगढ़ के बाद चेन्नई में डीएलएफ के पास सबसे अधिक यानी करीब 1.2 करोड़ वर्ग फुट भूमि उपलब्ध है। ओएमआर परियोजना का दायरा 1,500 प्लॉटों के साथ 85 एकड़ में विस्तृत होगा। प्लॉट का मूल्य 20 लाख रुपये से 70 लाख रुपये के बीच होंगे। कंपनी ने चेन्नई में अब तक दो रिहायशी परियोजनाओं का निष्पादन किया है। पिछले दशक के शुरुआती हिस्से में निष्पादित इन परियोजनाओं में सेम्मनचेरी में गार्डेन सिटी और उसके बाद एग्मोर में कमांडर्स कोर्ट शामिल हैं। डीएलएफ होम डेवलपर्स के समूह कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कारोबार अधिकारी आकाश ओहरी ने कहा, 'हम इस परियोजना के साथ चेन्नई के रियल एस्टेट बाजार में वापसी कर रहे हैं क्योंकि पिछले नौ महीनों के दौरान वहां काफी गतिविधियां दिखी हैं। हमने देखा है कि 2022-23 में रियल एस्टेट की मांग 20 से 25 फीसदी की दर से बढ़ रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी कोच्चि और गोवा जैसे शहरों में कई अन्य परियोजनाएं लाने की तैयारी कर रही है। मीडिया खबरों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान प्रॉपर्टी के पंजीकरण से राज्य सरकार का राजस्व करीब 9,854 करोड़ रुपये पर पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक रहा।
