वोडाफोन गु्रप पीएलसी (वोडाफोन पीएल) द्वारा इंडस टावर्स में हिस्सेदारी बिक्री के दूसरे से वोडाफोन आइडिया (वीआई), भारती एयरटेल (एयरटेल) और इंडस के लिए कई बदलाव आएंगे। इस हिस्सेदारी बिक्री से वीआई को अपनी परिसंपत्तियों की बिक्री करने और एयरटेल को इंडस में अपनी होल्डिंग समेकित करने में मदद मिलेगी। इंडस पर इसका प्रभाव मिश्रित है। वोडाफोन पीएलसी की इंडस में 28.1 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। उसने गुरुवार को 2.4 प्रतिशत हिस्सा बेच दिया और उसके बाद घोषणा की थी कि वह शुक्रवार को एयरटेल के लिए अतिरिक्त 4.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। उद्योग की सबसे बड़ी टावर कंपनी के लिए हिस्सेदारी बिक्री कुछ हद तक सकारात्मक है, लेकिन इसे लेकर गतिरोध भी है। सकारात्मक बात यह हे कि वीआई से कंपनी की प्राप्तियों का निपटान होगा। दरअसल, एयरटेल के लिए हिस्सेदारी बिक्री इस शर्त पर हुई है कि वोडाफोन पीएलसी से प्राप्त राशि का इस्तेमाल इंडस में उसकी भारतीय इकाई का बकाया निपटाने में किया जाएगा। वहीं नकारात्मक कारक किराया संबंधित दबाव है, जिसमें वीआई और एयरटेल, दोनों के संदर्भ में कमी दर्ज की जा सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि इंडस में एयरटेल की हिस्सेदारी के समेकन से एयरटेल के लिए बेहतर शर्तों को बढ़ावा मिल सकता है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के हेमांग खन्ना का कहना है, 'एयरटेल ने संकेत दिया है कि वह परिचालन लागत घटाने के लिए बातचीत पर विचार कर सकती है, जिससे इंडस की 2023-24 की आय प्रभावित होगी।' जहां वोडाफोन पीएलसी ने अपना 2.4 प्रतिशत हिस्सा 226.8 रुपये प्रति शेयर पर बेचा, वहीं एयरटेल और वोडाफोन के बीच हुए समझौता का मतलब होगा कि सौदे की कीमतें 226.8 रुपये के मुकाबले कम होंगी। यह शेयर शुक्रवार को 214 रुपये पर बंद हुआ था। वोडाफोन पीएलसी द्वारा हिस्सेदारी बिक्री की घोषणा के बाद गुरुवार को इसमें 18 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई यूक्रेन पर रूस के हमले से बाजार में आई गिरावट से भी इस शेयर पर दबाव बढ़ गया। हालांकि शुक्रवार को इसमें कुछ नुकसान की भरपाई हुई। कई विश्लेषकों ने मध्यावधि बाजार भागीदारी में सुधार और प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व में तेजी को ध्यान में देखते हुए एयरटेल को खरीदें की रेटिंग दी है। वोडाफोन पर गतिरोध को देखते हुए इंडस के लिए रेटिंग मिश्रित है, जबकि वीआई के लिए रेटिंग 'बेचें' की बनी हुई है।
