कई हवाई अड्डों, ईंधन केंद्रों तथा अन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद रूसी सेना रविवार को यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में दाखिल हो गई और वह दक्षिण क्षेत्र में स्थित रणनीतिक बंदरगाहों पर भी नियंत्रण बनाने का प्रयास कर रही है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय 'क्रेमलिन' के मुताबिक सैन्य बढ़त बनाने के बाद रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को बेलारूस भेजा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अन्य स्थानों पर वार्ता का प्रस्ताव देते हुए कहा कि उनका देश बेलारूस में बैठक करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उसने आक्रमण में रूस की मदद की है। खारकीव रूस की सीमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर है और रूसी सैनिक खारकीव में घुस गए हैं। इससे पहले तक वे शहर के बाहरी इलाके में ही थे और उन्होंने शहर में घुसने की कोशिश नहीं की थी। यूक्रेन की मीडिया और सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में रूसी वाहन खारकीव में चक्कर लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं और एक वाहन सड़क पर जलता दिखाई देता है। एक वीडियो में यूक्रेनी सैनिकों को रूसी सैन्य वाहनों का निरीक्षण करते हुए देखा गया, जिन्हें रूसी सैनिक गोलाबारी में क्षतिग्रस्त होने के बाद छोड़ गए हैं। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने जवाबी कदम के साथ यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करने तथा मास्को को और अलग-थलग करने के इरादे से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। कीव के मेयर के अनुसार, वासिलकिव में हवाई अड्डे के पास एक तेल डिपो से आग की लपटें आसमान में फैल गईं। इस क्षेत्र में रूस की सेना से यूक्रेनी सैनिकों की भीषण लड़ाई हुई। राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि असैन्य जुलियानी हवाई अड्डे पर एक और विस्फोट हुआ। जेलेंस्की के कार्यालय ने यह भी कहा कि रूसी सेना ने खारकीव में एक गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया, जिसके बाद सरकार ने लोगों को अपने आवासों की खिड़कियों को नम कपड़े से ढककर खुद को धुएं से बचाने की सलाह दी। जेलेंस्की ने कहा, 'हम अपने देश के लिए लड़ रहे हैं, अपनी आजादी को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि हमें ऐसा करने का अधिकार है।' उन्होंने कहा, 'पिछली रात कठिन थी। भीषण गोलाबारी हुई, आवासीय क्षेत्रों में भी बमबारी की गई और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। हमलावर सैन्य-असैन्य सभी स्थानों को निशाने पर ले रहे हैं।' बमबारी के डर से बच्चों समेत लोगों ने बंकरों और भूमिगत मेट्रो स्टेशनों, अन्य जगहों पर पनाह ली। सरकार ने लोगों को सड़कों से दूर रखने के लिए 39 घंटे का कफ्र्यू लगा रखा है। यूक्रेन के आम लोग भी स्वेच्छा से कीव और अन्य शहरों की रक्षा में मदद करने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने अधिकारियों द्वारा वितरित बंदूकें लीं और रूसी सेना से लडऩे के लिए मोर्चा संभाल लिया। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण नरसंहार की दिशा में उठा गया कदम है। उन्होंने कहा, 'रूस ने बुराई का रास्ता चुना है और दुनिया को उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर देना चाहिए।' रूस सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जिसके चलते उसके पास प्रस्तावों को वीटो करने की शक्ति है। जेलेंस्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण को यूक्रेन के शहरों पर रूस के हमलों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने रूसी आक्रमण को 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' करार दिया। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अपनी अंतिम योजनाओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है कि वह यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकने और वहां अपनी पसंद की सरकार स्थापित करना चाहते हैं। अधिकारियों का कहना है कि पुतिन यूरोप के मानचित्र को फिर से तैयार करने और रूस के प्रभाव को फिर से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन की सहायता के लिए अमेरिका ने टैंक-रोधी हथियारों, बख्तरबंद और छोटे हथियारों सहित यूक्रेन को अतिरिक्त 35 करोड़ डॉलर देने का वचन दिया। यूक्रेन से लाखों लोग भागे संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि युद्ध की वजह से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या 3,68,000 हो गई है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को बताई गई शरणार्थियों की संख्या शनिवार के अनुमान की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। शनिवार को एजेंसी ने अनुमान जताया था कि यूक्रेन के कम से कम 1,50,000 नागरिक भागकर पोलैंड और हंगरी तथा रोमानिया समेत अन्य देश चले गए हैं। रूसी वोदका का बहिष्कार अमेरिका के कुछ बार और शराब की दुकानों को लगता है कि उन्होंने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को सबक सिखाने का कारगर तरीका खोज निकाला है। ये बार और दुकानें रूसी वोदका का बहिष्कार कर रही हैं और यूक्रेन की ब्रांड वाली शराब परोस रही हैं। भाषापरमाणुरोधी बलों को 'अलर्ट' का आदेश यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों के साथ तनाव बढऩे के कारण रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने देश के परमाणु रोधी बलों को 'अलर्ट' पर रहने का आदेश दिया है। शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में पुतिन ने रविवार इस पर जोर दिया कि नाटो के प्रमुख सदस्य देशों ने 'आक्रामक बयान' दिए हैं और पश्चिमी देशों ने उन पर (पुतिन) तथा रूस के विरुद्ध कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। पुतिन ने रूस के रक्षा मंत्री और 'मिलिट्री जनरल स्टाफ' के प्रमुख को आदेश दिया कि परमाणु रोधी बलों को 'युद्ध संबंधी दायित्व के लिए तैयार रखा जाए।'परमाणु संयंत्रों के लिए खतरा पैदा करने वाले कदमों से परहेज का आह्वान संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने सभी पक्षों से यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को खतरा पैदा करने वाली किसी भी कार्रवाई से परहेज करने का आह्वान किया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि यूक्रेन में कुल 15 रिएक्टर के साथ चार परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं, जो देश की बिजली का लगभग आधा हिस्सा प्रदान करते हैं। यूक्रेन की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने शनिवार को सभी पक्षों से ऐसे किसी भी कदम से परहेज करने का आह्वान किया जो परमाणु सामग्री की सुरक्षा और सभी परमाणु संयंत्रों के सुरक्षित संचालन को खतरे में डाल सकता है क्योंकि किसी भी घटना से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
