पेट्रोलियम भंडार के इस्तेमाल पर विचार | शाइन जैकब / February 27, 2022 | | | | |
यूक्रेन संकट की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही हैं ऐसे में शनिवार को भारत सरकार ने कहा कि यह बाजार की अनिश्चितता दूर करने के लिए कुछ रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार जारी करने पर विचार कर रही है और सरकार स्थिर कीमतों पर आपूर्ति जारी रखने के लिए कदम उठाएगी। इसने कहा कि केंद्र यूक्रेन संकट पर नजर रखते हुए है और आपूर्ति से जुड़ी संभावित बाधाएं बढ़ सकती हैं।
शनिवार को पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'नागरिकों को ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से भारत स्थिर कीमतों पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाएगी। भारत रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार से भी आपूर्ति की पहल करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव को खत्म किया जाए और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को शांत किया जा सके। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 97.93 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर देखी गईं।'
भारत में तीन रणनीतिक भंडार हैं जिसकी कुल क्षमता 53.3 लाख टन है जिनमें से एक विशाखापत्तनम (13.3 लाख टन), मंगलूरु (15 लाख टन) और पाडुर (25 लाख टन) है जिसका संचालन इंडियन स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व (आईएसपीआरएल) के द्वारा किया जाता है। भारत की रणनीतिक क्षमता भंडार से देश 9.5 दिनों तक काम चला सकता है। बयान में कहा गया, 'भारत सरकार करीब से वैश्विक ऊर्जा बाजार पर नजर रखने के साथ-साथ भू-राजनीतिक हालात के चलते संभावित ऊर्जा आपूर्ति बाधाओंं पर भी नजर रख रही है।'
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