विगत कुछ वर्षों में चुनौतियों का सामना करने के बाद वित्त वर्ष 2023 में वित्त कंपनियों के कारोबार में सामान्यीकरण नजर आ सकता है। अगले वर्ष उनके लोन बुक में सालाना आधार पर 14 फीसदी का इजाफा होगा। इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी) एक समूह के तौर पर चालू वित्त वर्ष में 7 से 8 फीसदी की ऋण वृद्घि दर्ज कर सकती हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा वित्त वर्ष 2019 में चूक करने के बाद एनबीएफसी को नकदी संबंधी चुनौतियों और उसके बाद कोविड-19 महामारी का सामना करना पड़ा था। एनबीएफसी वित्त वर्ष 2023 की शुरुआत पर्याप्त पूंजी बफर, स्थायी मार्जिन और बड़े पैमाने पर बैंलेंस शीट के साथ करेंगी जबकि उपयुक्त प्रणाली तरलता से फंडिंग को दम मिलेगा। फिर भी, व्यवस्थित ब्याज दरों में अपेक्षित वृद्घि और महामारी के बाद पडऩे वाले असर के कारण कुछ खंडों में संपत्ति गुणवत्ता के मुद्दे परिचालन प्रदर्शन पर असर डालेंगे। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह क्षेत्र बढ़ी हुई नियामकीय निरीक्षण का सामना कर रहा है और पैमाना आधारित विनियमन, संपत्ति गुणवत्ता वर्गीकरण में पुनर्निर्माण और त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई नियम जैसे विभिन्न उपायों के जरिये बैंकों के साथ अभिसरण की ओर बढ़ रहा है। गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की पहचान पर अधिसूचना का वृद्घिशील असर हालांकि मामूली होगा क्योंकि अधिकांश असर पहले ही चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में नजर आ चुका है और एनबीएफसी के पास उपयुक्त प्रावधान हैं। संपत्ति के बदले ऋण, आवासीय ऋण और वाहन वित्त जैसे उत्पादों की महामारी के दौरान अधिक मांग वाले व्यक्तिगत और असुरक्षित कारोबारी ऋणों की तुलना में उच्च मांग नजर आ सकती है। वाहन फाइनैंस खंड में सुधार नजर आ सकता है जो कि वाहनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। महामारी के कारण वाहन क्षेत्र को पुर्जों की कमी से जूझना पड़ रहा है। साथ ही इस पर आर्थिक रिकवरी को लेकर उधारकर्ताओं के विश्वास में वृद्घि का भी प्रभाव पड़ेगा। स्वर्ण ऋण में सोने के दाम के साथ साथ उधारकर्ताओं के लिए वित्तपोषण के अन्य रास्ते खुलने से मामूली वृद्घि हो सकती है। कृषि क्षेत्र में वृद्घि और सरकारी ग्रामीण खर्च जारी रहने से ट्रैक्टर फाइनैंसिंग स्थायी रह सकता है।
