राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना | असित रंजन मिश्रा / नई दिल्ली February 23, 2022 | | | | |
राजस्थान सरकार ने आज पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की घोषणा की। इसके तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2004 से प्रभाव में आई अंशदायी नई पेंशन योजना की जगह गारंटीड पेंशन का लाभ मिलेगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2023 के लिए राज्य का बजट पेश करते हुए कहा, 'हम सभी जानते हैं कि सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। इसलिए 1 जनवरी, 2004 और उसके बाद नियुक्त हुए सभी कर्मचारियों के लिए मैं अगले वर्ष से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं।' गहलोत के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है।
बेंगलूरु के बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एनआर भानुमूर्ति ने कहा कि यह अच्छा कदम नहीं है क्योंकि इससे वित्तीय स्थायित्व पर व्यापक असर पड़ेगा। उनहोंने कहा, 'पेंशन पीढ़ीगत मसला है। पुरानी पेंशन योजना को खत्म करना इस सदी में वित्तीय सुधार की सफलता की कहानी थी। इसे फिर से बहाल करना काफी दुरुह होगा।'
हालांकि राज्य सरकार के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में राज्य के खजाने पर पेंशन का बोझ पिछले साल के 25,328 करोड़ रुपये से कम होकर 24,439 करोड़ रुपये रहेगा क्योंकि सरकार अगले वित्त वर्ष से नई पेंशन योजना में अंशदान बंद करेगी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह कमी अस्थायी है और सरकार को या तो सामाजिक क्षेत्र के खर्च में कटौती करनी होगी या पुरानी पेंश योजना के तहत ज्यादा पेंशन भुगतान के लिए अध्णिक कर्ज लेना होगा।
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के सहायक प्राध्यापक मुकेश आनंद ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना खतरनाक कदम है और दो पेंशन व्यवस्था की मौजूदगी से निश्चित तौर पर ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है।
नई पेंशन योजना के तहत समान सरकारी नौकरी में 1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारी अंशदान के कारण 10 फीसदी कम वेतन घर ले जाते हैं। इसके उलट 31 दिसंबर, 2003 से पहले नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत बिना कोई अंशदान के ही पेंशन का लाभ मिल जाता है। राजस्थान सरकार के इस कदम को राजनीतिक दांव के तौर पर भी देखा जाना चाहिए क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव है और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार का इस कार्यकाल के लिए पह अंतिम पूर्ण बजट है।
इससे अन्य राज्य सरकारों पर भी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का दबाव बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने पहले ही घोषणा की है कि राज्य में सत्ता में आने पर वह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करेगी। आनंद ने कहा कि वादा करना आसान होता है क्योंकि वे केवल शुरुआती 5 या 10 साल को देखते हैं।
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