व्हाइट हाउस ने कहा है कि रूस अगर यूक्रेन पर हमला नहीं करे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ 'सैद्धांतिक रूप से' बैठक करने को तैयार हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मध्यस्थता से यह स्थिति बनी है। अमेरिका ने लगातार आगाह किया है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है और रूस के ऐसा करने पर उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है। रूस ने यूक्रेन पर हमला करने के अमेरिकी दावों को खारिज किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, 'राष्ट्रपति ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि हम हमला शुरू होने के क्षण तक कूटनीतिक समाधान तलाश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' साकी ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव भी इस सप्ताह यूरोप में मुलाकात कर सकते हैं, बशर्ते रूस सैन्य कार्रवाई की तरफ नहीं बढ़े। साकी ने एक बयान में कहा, 'अगर बैठक के बाद हमला नहीं हो तो राष्ट्रपति बाइडन रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ सैद्धांतिक रूप से बैठक करने को तैयार हैं, हम कूटनीतिक रास्ते पर चलने को हमेशा तैयार हैं।' साकी ने कहा कि बाइडन ने मैक्रों से रविवार को बात की थी और दोनों नेताओं ने यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के सैनिकों की तैनाती के जवाब में कूटनीतिक और प्रतिरोधात्मक प्रयासों पर चर्चा की। वहीं, राष्ट्रपति मैक्रों के कार्यालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने बाइडन और पुतिन के साथ वार्ता की और एक बैठक का प्रस्ताव रखा जोकि दोनों नेताओं के बीच होगी। बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडन और राष्ट्रपति पुतिन ने सैद्धांतिक बैठक पर सहमति जताई है। बैठक का सार ब्लिंकन और लावरोव की 24 फरवरी को प्रस्तावित बैठक में तैयार किया जाएगा। बयान में जोर दिया गया कि यह बैठक इसी शर्त पर हो सकती है कि रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करे। रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक की संभावना से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने सोमवार को कहा कि पुतिन और बाइडन के बीच किसी भी समय फोन पर बातचीत या बैठक को लेकर निर्णय लिया जा सकता है लेकिन इस समय इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, 'अगर दोनों देशों के राष्ट्रपतियों को उपयुक्त लगता है तो बैठक संभव है।' एक अनुमान के अनुसार, यूक्रेन की सीमाओं पर रूस ने अपने 1,50,000 सैनिकों की तैनाती की है, जबकि 30 जनवरी तक वहां एक लाख सैनिक ही थे।
