भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) इस साल जब शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हो जाएगी तो वह राजस्व और परिसंपत्तियों के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी, लेकिन इस दिग्गज बीमा कंपनी को लाभ एवं नेट वर्थ के लिहाज से मझोली कंपनी ही गिना जाएगा। एलआईसी का राजस्व वित्त वर्ष 2021 में करीब 7.04 लाख करोड़ रुपये रहा। यह रिलांयस इंडस्ट्रीज (एलआईसी) से करीब 40 फीसदी अधिक था, जो पिछले वित्त वर्ष में 5.05 लाख करोड़ रुपये के राजस्व के साथ सूचीबद्ध कंपनियों में सबसे आगे रही थी। हालांकि एलआईसी की 37.46 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां भी आरआईएल की 12.43 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों से करीब तिगुनी हैं। एलआईसी का समेकित शुद्ध लाभ या सरप्लस वित्त वर्ष 2021 में 4,579 करोड़ रुपये रहा, जिससे यह देश में 34वीं सबसे ज्यादा लाभ वाली कंपनी होती। यह बजाज ऑटो से पीछे और बजाज फिनसर्व से आगे होती। वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी का शुद्ध लाभ आरआईएल के शुद्ध लाभ 53,729 करोड़ रुपये का 8.5 फीसदी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के समेकित शुद्ध लाभ 32,430 करोड़ रुपये का 14.1 फीसदी था। एलआईसी की शेयरधारक पूंजी का नेट वर्थ और भी कम है, जिसे वित्तीय सेवा क्षेत्र में किसी भी कंपनी के मूल्य का अहम पैमाना माना जाता है। वित्त वर्ष 2021 में इसका नेट वर्थ 6,983.2 करोड़ रुपये था, जिससे यह सूचीबद्ध कंपनियों में 160वें स्थान पर होती। यह जेएम फाइनैंशियल से एक पायदान नीचे और स्टील पाइप विनिर्माता जिंदल सॉ से मामूली ऊपर होती। असल में एलआईसी का नेट वर्थ एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस जैसी अन्य बीमा कंपनियों से भी कम है। उदाहरण के लिए सितंबर 2021 के अंत में एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस का नेट वर्थ 8,886 करोड़ रुपये, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का 10,907 करोड़ रुपये था मगर एलआईसी का नेट वर्थ 8,854 करोड़ रुपये ही था। एलआईसी के वित्तीय अनुपात जैसे परिसंपत्तियों पर प्रतिफल यानी हर एक रुपये की परिसंपत्ति से पैदा होने वाला लाभ, शुद्ध लाभ मार्जिन यानी राजस्व पर शुद्ध लाभ भी निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों का मामूली हिस्सा भर है। एलआईसी का परिसंपत्तियों पर प्रतिफल वित्त वर्ष 2021 में 0.12 फीसदी था, जो एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के छठे हिस्से से भी कम था। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस शुक्रवार को 1.25 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ सबसे ऊपर थी। एलआईसी का शुद्ध लाभ मार्जिन वित्त वर्ष 2021 में 0.65 फीसदी था। यह एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (1.9 फीसदी) और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (1.76 फीसदी) के मुकाबले एक-तिहाई ही था। विश्लेषकों का कहना है कि निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों की तुलना में एलआईसी के कमजोर लाभ की वजह बीमा योजनाओं का अंतर है।
