मणप्पुरम और मुथूट की राह में हैं अल्पावधि की समस्याएं | निकिता वशिष्ठ / नई दिल्ली February 19, 2022 | | | | |
वित्त वर्ष 2022 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही मणप्पुरम फाइनैंस और मुथूट फाइनैंस के लिए कमजोर रही। इसके परिणामस्वरूप, इन दोनों स्वर्ण वित्तीय कंपनियों के शेयरों में 14 फरवरी और 12 फरवरी को अपने आय अनुमानों की घोषणा के बाद से 17.6 प्रतिशत और 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस बीच प्रमुख सूचकांकों में इस अवधि के दौरान करीब 0.3 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई।
विश्लेषकों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही इन दोनों कंपनियों के लिए निराशाजनक रही, क्योंकि प्रतिफल पर प्रतिस्पर्धी दबाव और एयूएम में सुस्त वृद्घि से संबद्घ कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर दबाव पड़ा है।
मुथूट फाइनैंस ने एयूएम वृद्घि में 1 प्रतिशत की कमी दर्ज की, जबकि एयूएम पर प्रतिफल तिमाही आधार पर अपरिवर्तित (20.7 प्रतिशत सालाना) रहा। सपाट प्रतिफल के साथ साथ तिमाही के दौरान फंडिंग की कमजोर लागत से भी शुद्घ ब्याज मार्जिन 13.5 प्रतिशत से बढ़कर 13.7 प्रतिशत सालाना हो गया।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने मुथूट की कमजोर तीसरी तिमाही के लिए बड़ी नीलामियों के परिणामस्वरूप कमजोर व्यावसायिक वृद्घि को जिम्मेदार करार दिया है। कंपनी ने 2,800 करोड़ रुपये की नीलामियां संचालित कीं। नीलामी के बाद ऋण बुक के साथ मुथूट की ऋण वृद्घि तिमाही आधार पर 4 प्रतिशत हो जाएगी।
मुथूट ने स्वर्ण ऋण बुक में तिमाही आधार पर 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है, भले ही स्वर्ण कीमतें तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत तक चढ़ी थीं। ऋण-वैल्यू अनुपात 400 आधार अंक तक घटकर 69 प्रतिशत रह गया।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है, 'मुथूट के सकल स्टेज-3 ऋण वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के 1.85 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही के 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 3.8 प्रतिशत तक हो गए थे। इसके परिणामस्वरूप, प्रावधान 88.9 करोड़ रुपये पर रहा, जो सालाना आधार पर 52 प्रतिशत तक ज्यादा था। प्रावधान खर्च में इस बड़े अंतर का पता चलता है, क्योंकि कुछ खास ग्राहकों की भुगतान क्षमता काफी कमजोर हो गई थी।'
जहां तक मणप्पुरम फाइनैंस का सवाल है, उसका शुद्घ लाभ तिमाही आधार पर 27 प्रतिशत घटकर 260 करोड़ रुपये रहा। यह एयूएम पर प्रतिफल में कमी की वजह से हुआ। एयूएम 20.3 प्रतिशत पर रहीं, जो वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 24 प्र्रतिशत थीं। जहां तिमाही के दौरान फंडिंग की लागत घट गई, वहीं प्रतिफल में भारी कमी से एनआईएम वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में घटकर 13.8 प्रतिशत रह गया, जो वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 17 प्रतिशत था।
प्रावधान-पूर्व परिचालन मुनाफा मार्जिन और परिसंपत्तियों पर प्रतिफल भी घटकर 6.2 प्रतिशत और 3.1 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गए।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज का कहना है कि मणप्पुरम ने पिछली दो तिमाहियों में स्वर्ण ऋण वृद्घि के लिए कम मार्जिन पर कारोबार किया है। उसे अपनी नई व्यावसायिक रणनीति से बाजार भागीदारी के संदर्भ में अपना खोया आधार लौटाने में मदद मिली और वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तथा तीसरी तिमाहियों में उसनें 24 प्रतिशत की स्वर्ण ऋण वृद्घि दर्ज की। उससने कहा है, 'लेकिन इस रणनीति का यह भी मतलब है कि ऊंची विज्ञापन/प्रोत्साहन खर्च और कर्मचारियों के लिए रियायतों से ऊंचे परिचालन खर्च को बढ़ावा मिला।'
विश्लेषकों ने आय वृद्घि अनुमानों में कटौती की है, लेकिन उन्हें शेयर द्वारा 34.4 प्रतिशत (मुथूट) और 58.7 प्रतिशत (मणप्पुरम) प्रतिफल के साथ मूल्यांकन आकर्षक लग रहा है। निर्मल बांग ने वित्त वर्ष 2022-24ई के लिए मुथूट के आय अनुमानों में 3.3-5.1 प्रतिशत तक की कटौती की है, क्योंकि ऐसा वित्त वर्ष 2022ई की ऋण वृद्घि में कमी को देखते हुए भी किया गया है।
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