औषधि उद्योग पर मूल्य दबाव के बादल | सोहिनी दास / मुंबई February 19, 2022 | | | | |
अमेरिकी जेनेरिक कारोबार में कीमत घटने और लागत बढऩे के कारण अधिकतर घरेलू दवा कंपनियों के तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे प्रभावित हुए हैं। विश्लेषकों का कहना है कि जिन जो कंपनियां अमेरिका में सीमित संख्या में अपने उत्पादों को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है अथवा जो नियामकीय चुनौतियों से जूझ रही हैं, उनके लिए आगे की राह आसान नहीं दिख रही है।
मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषण के अनुसार, कीमतों में गिरावट से अमेरिकी जेनेरिक कारोबार लगातार प्रभावित हो रही है। हालांकि सन फार्मा और सिप्ला जैसी कुछ कंपनियों ने अमेरिकी जेनेरिक कारोबार में सालाना और तिमाही दोनों आधार पर 4-6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। दवाओं को लॉन्च करने के मोर्चे पर आक्रामक रुख इसकी मुख्य वजह रही।
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी बाजार में सीमित संख्या में लॉन्च करने वाली अजंता फार्मा जैसी कंपनियों अथवा नियामकीय मुद्दों से जूझ रहीं कंपनियों (जैसे टॉरंट फार्मा) के लिए अमेरिकी जेनेरिक कारोबार में चुनौतियां बरकरार हैं।
टॉरंट फार्मा के चेयरमैन समीर मेहता ने कहा, 'वैश्विक महामारी के कारण हमारे अमेरिकी संयंत्रों के पुनर्निरीक्षण में हुई काफी देरी के अलावा मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर अप्रत्याशित एवं अत्यधिक दबाव के कारण हमारा अमेरिकी कारोबार तिमाही के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुआ।' उन्होंने कहा कि लागत को अनुकूल करने के उपाय किए जा रहे हैं और इससे आगामी तिमाहियों के दौरान कारोबार को वापस पटरी पर लाने में मदद मिलनी चाहिए।
मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि घरेलू फॉर्मूलेशन के मोर्चे पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान कोविड संबंधी दवा कारोबार में कुल मिलाकर 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। टॉरंट फार्मा के भारतीय राजस्व (1,072 करोड़ रुपये) में 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि बाजार की बढ़त 6 फीसदी रही। उसके मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) की उत्पादकता भी 9.9 लाख पर अधिक रही।
आमतौर पर दवा कंपनियों ने पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान अपने भारतीय कारोबार से प्राप्त राजस्व में स्थिरता दर्ज की है। उदाहरण के लिए, घरेलू दवा बाजार की अग्रणी कंपनी सन फार्मा ने पिछली तीन तिमाहियों के दौरान अपने घरेलू फॉर्मूलेशन कारोबार में बाजार से अधिक वृद्धि दर्ज की है। करीब 1.67 लाख करोड़ रुपये के भारतीय दवा बाजार में सन फार्मा की हिस्सेदारी 8.2 फीसदी है।
एडलवाइस सिक्योरिटीज के कुणाल रणदेरिया का मानना है कि सन फार्मा की वृद्धि को कई कारकों से रफ्तार मिली। उसका अमेरिकी राजस्व (39.7 करोड़ डॉलर) पिछली 11 तिमाहियों में सर्वाधिक है जबकि भारतीय कारोबार ने भी 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। वैश्विक स्पेशिएलिटी कारोबार भी बढ़कर 18.3 करोड़ डॉलर हो गया।
एडलवाइस का मानना है कि डॉ रेड्डïीज के लिए आगे की राह आसान नहीं दिख रही है क्योंकि अमेरिकी बाजार में दाम लगातार घट रहे हैं, संभावित जटिल जेनेरिक दवाओं की खपत कम दिख रही है, कमजोर वृद्धि और स्पूतनिक टीके के लिए संभावनाएं धूमिल हुई हैं।
डॉ रेड्डीज के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अपने भारतीय कारोबार में सालाना आधार पर 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा, 'पिछले साल और पिछली तिमाही के दौरान कोविड संबंधी पोर्टफोलियो में हुई बिक्री को समायोजित करने के बाद कारोबार का प्रदर्शन काफी दमदार और अपेक्षाओं के अनुरूप रहा है। तिमाही के दौरान हमने भारत में चार नई दवाएं लॉन्च की। जाहिर तौर पर हम घरेलू बाजार पर काफी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।'
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