अरबपति अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांत समूह ने दो अलग अलग उद्यम बनाने की तैयारी की है जिससे भारत में चिप और डिस्पले निर्माण क्षेत्र में 15 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित हो सकता है। इनमें से एक 28 नैनो मीटर सेमीकंडक्टर चिपों के निर्माण के लिए उद्यम हॉन हई टेक्नोलॉजी गु्रप के साथ होगा, जिसे ताइवानी बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा विकसित किया जाएगा और अन्य डिस्प्ले निर्माण इकाई के लिए होगा, जिसके लिए वेदांत एक टेक्नोलॉजी भागीदार तलाश रही है।
डिस्पले वेंचर के लिए, कंपनी टेक्नोलॉजी या इक्विटी भागीदार के तौर पर जोडऩे के लिए कम से कम सात वैश्विक कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है, जिनमें एलजी शार्प और जापान डिस्पले जैसी कंपनियां शामिल हैं। साथ ही, कुछ अन्य कंपनियों से टेक्नोलॉजी खरीदने के लिए भी बातचीत की जा रही है। वेदांत गु्रप की कंपनी अवांस्ट्रेट के प्रबंध निदेशक आकर्श हेब्बर ने कहा, 'दो अलग अलग विशेष उद्देश्य वाली कंपनियां होंगी। एक 28-नैनो मीटर चिप और दूसरी डिस्पले यूनिट निर्माण के लिए होगी। चिप निर्माण के लिए, यह हमारे और फॉक्सकॉन के बीच 60:40 अनुपात वाला संयुक्त उपक्रम होगा, जिसमें दो इक्विटी भागीदारी पर्याप्त हैं और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी लेकर आएगी। वहीं डिस्पले इकाई के लिए, हम इक्विटी, या टेक-टु-इक्विटी भागीदारियों पर ध्यान दे रहे हैं।'
अवांस्ट्रेट इन दोनों उद्यमों के लिए करीब 450 एकड़ भूमि की तलाश कर रही है और वह गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों के साथ इस संबंध में पहले ही बातचीत कर चुकी है। 14 फरवरी को, दोनों कंपनियों ने सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए समझौता किया था, जो पीएलआई नीति के बाद इलेक्ट्रॉनिक निर्माण क्षेत्र में पहला समझौता था। हेब्बार ने कहा कि दूसरे एसपीवी का इक्विटी ढांचा दो महीने के समय में तैयार हो जाएगा।
वेदांत को 18-नैनो मीटर चिप निर्माण शुरू होने की संभावना है, जिसका वर्ष 2026 तक भारत में ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा और वह हर महीने करीब 60,000 चिप उत्पादन की संभावना तलाश रही है। डिस्पले उद्यम द्वारा भी वर्ष 2024 तक कारोबार तेज किए जाने की संभावना है। टेक्नोलॉजी भागीदारों के साथ प्रस्तावित समझौतों के संबंध में उन्होंने कहा कि कंपनियां कम से कम सात दिग्गजों के साथ बातचीत कर रही हैं जिनमें दो ताइवान, दो कोरिया और तीन जापान से हैं।
वेदांत ने जापानी ग्लास सबस्ट्रेट निर्माता अवांस्ट्रेट को वर्ष 2017 में खरीदा था। चूंकि कंपनी पहले से ही ग्लास सबस्ट्रेट टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है, इसलिए नया भागीदार तकनीकी जरूरत में संतुलन पैदा करेगा। अपनी सहायक इकाइयों (फॉक्सकॉन समेत) के साथ हॉन हई 40 प्रतिशत की बाजार भागदारी के साथ दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रानिक निर्माण सेवा (ईएमएस) निर्माता है।