इजरायल की चिप विनिर्माता कंपनी टावर सेमीकंडक्टर भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए सरकार के साथ सक्रियता से बात कर रही है। इस कंपनी का हाल ही में इंटेल ने 5.4 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था। मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने 15 दिसंबर को नई प्रोत्साहन की घोषणा की थी, उसके बाद से ही सेमीकंडक्टर की योजना पर काम चल रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल 15 दिसंबर को देश में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (प्रोत्साहन) योजना को मंजूरी दी थी। प्रोत्साहन के दायरे में नई चिप फैब इकाई और डिसप्ले फैब इकाई के अलावा कंपाउंड सेमीकंडक्टर और एटीएमपी को भी शामिल किया गया है। कंपनी से जुड़े सूत्रों ने कहा, 'सरकार हमारे सुझावों, हमारी स्थिति और अनुशंसा से वाकिफ है। हम पिछले 10 साल से सरकार के साथ इन चीजों पर चर्चा कर रहे हैं। अब इस पर आगे बढऩे का समय आ गया है।' देश में कंपनी कब तक आएगी और कितना निवेश करने की योजना है, इसके बारे में कंपनी ने कोई जानकारी नहीं दी। पिछले साल सितंबर में कंपनी ने भारत में संयंत्र लगाने की अपनी योजना से पीछे हटने की चेतावनी दी थी। कंपनी ने केंद्र को पत्र लिखकर चिप विनिर्माताओं के लिए सरकार की नीति में स्पष्टता के अभाव की शिकायत की थी। इससे पहले अबू धाबी की नेक्स्ट ऑर्बिट वेंचर्स ने टावर सेमीकंडक्टर के साथ गुजरात के धोलेहरा में 3 अरब डॉलर के निवेश से सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन इकाई लगाने की योजना बनाई थी। अपने पत्र में टावर सेमीकंडक्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चिप विनिर्माण के लिए सरकारी प्रस्ताव पर तेजी से आगे बढऩे के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी। सरकार द्वारा भारत में चिप बनाने के लिए कंपनियों को आमंत्रित करने के छह महीने बाद यह पत्र लिखा गया था। कंपनी ने कहा था कि सरकार की ओर से इसमें देरी से कंपनी निकट भविष्य में परियोजना के साथ सक्रिय रहने में सक्षम नहीं होगी। टावर सेमीकंडक्टर मोबाइल, वाहन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को सेवाएं देती हैं और अमेरिका तथा एशिया में इसकी अच्छी मौजूदगी है। सरकार को सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन योजना से देश में अगले चार साल में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने और 1.35 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
