पिछली कुछ तिमाहियों में सूचीबद्घ हुईं टेक्नोलॉजी स्टार्टअप कंपनियों को ऊंची विपणन एवं कर्मचारी लागत की वजह से दिसंबर तिमाही में अपने मुनाफे पर दबाव का सामना करना पड़ा है। जहां फिनटेक कंपनियों पेटीएम और पीबी फिनटेक के लिए नुकसान सालाना आधार पर 45 प्रतिशत बढ़कर 778 करोड़ रुपये और 55 प्रतिशत बढ़कर 295 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, वहीं फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो का शुद्घ नुकसान को सीमित बनाए रखने के बावजूद दबाव में बनी रही। ऑनलाइन फैशन एवं सौंदर्य उत्पाद बिक्रेता नायिका का शुद्घ लाभ वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में 59 प्रतिशत घटकर 28 करोड़ रुपये रह गया। निवेश विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, 'नायिका और पॉलिसीबाजार ने अपने आईपीओ में तेजी के लिहाज से मुनाफे में तेजी पर ध्यान दिया है।। मेरा मानना है कि यदि इनमें अचानक बदलाव आता है और उनके मुनाफे में किसी तरह की कमजोरी दिखती है तो बाजार इन्हें पसंद नहीं करेंगे।' उन्होंने कहा, 'जोमैटो के नुकसान का सिलसिला भी बाजारों के लिए अनुकूल नहीं रहा है क्योंकि कंपनी का शेयर भाव 160 रुपये से अधिक के ऊंचे स्तर से गिरकर 90 रुपये से नीचे आ चुका है। पेटीएम को भी अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव लाने की जरूरत है।' जोमैटो का शेयर बुधवार को बीएसई पर 115 रुपये के सूचीबद्घता भाव के मुकाबले 26 प्रतिशत गिर गया, हालांकि गुरुवार को इसमें 4 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई। पेटीएम गुरुवार को एनएसई पर करीब 1.5 प्रतिशत के नुकसान के साथ 848 रुपये पर बंद हुआ। इस शेयर में अपने सूचीबद्घता भाव के मुकाबले 56 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आ चुकी है। पीबी फिनटेक गुरुवार को करीब 2.5 प्रतिशत के नुकसान के साथ एनएसई पर 755 रुपये पर बंद हुआ, वहीं नायिका में करीब 4 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई। यह शेयर 1,504.8 रुपये के अपने सूचीबद्घता भाव के मुकाबले बड़ी गिरावट पर कारोबार कर रहा है। रेटगेन का शेयर भी अपने सूचीबद्घता भाव से करीब 7 प्रतिशत नीचे आ चुका है। हालांकि इन कंपनियों के लिए एक अच्छी बात यह है कि इनके तीसरी तिमाही के राजस्व में वृद्घि दर्ज की गई है। जोमैटो का परिचालन से राजस्व 86 प्रतिशत बढ़कर 1,112 करोड़ रुपये हो गया, पेटीएम के लिए यह 89 प्रतिशत बढ़कर 1,456 करोड़ रुपये पर पहुंच गया और पॉलिसीबाजार का राजस्व 73 प्रतिशत चढ़कर 367 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। नायिका ने सूचीबद्घ कंपनियों में राजस्व के लिहाज से सबसे कम तेजी दर्ज की और उसका राजस्व 36 प्रतिशत की वृद्घि के साथ 1,098 करोड़ रुपये पर रहा। लेकिन यह ऊंची विपणन और ग्राहक जोडऩे की लागत के साथ संभव हुआ है। उदाहरण के लिए, पॉलिसीबाजार का विपणन खर्च वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 199 प्रतिशत बढ़कर 236 करोड़ रुपये हो गया।
