गैर मिश्रित ईंधन पर नए शुल्क से मिलेगा कीमतों को बल | त्वेष मिश्र और अरूप रायचौधरी / नई दिल्ली February 17, 2022 | | | | |
केंद्रीय बजट 2022-23 में गंदे, गैर मिश्रित खुदरा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने के फैसले का पेट्रोलियम मंत्रालय विरोध कर रहा है। हालांकि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि डीजल पर अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के खिलाफ तेल मंत्रालय की ओर से कोई पत्र सामने नहीं आया है। दोनों विभागों के बीच चर्चा किए बगैर वित्त विधेयक के प्रस्ताव में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
वित्त विधेयक में लाए गए गैर मिश्रित ईंधनों पर 2 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के प्रस्ताव को लागू करने से 1 अक्टूबर से देश में डीजल की कीमतों में एकसमान बढ़ोतरी होगी। तेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक डीजल के साथ बायोडीजल मिश्रण का मौजूदा स्तर अब जैव ईंधन पर बनी राष्ट्रीय नीति 2018 के आसपास भी नहीं है।
केंद्र सरकार के लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में कहा था, 'ईंधन में मिश्रण सरकार की प्राथमिकता है। ईंधन में मिश्रण की कवायदों को प्रोत्साहित करने के लिए गैर मिश्रित ईंधन पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपये अतिरिक्त अंतर उत्पाद शुल्क लगेगा।'
वित्त विधेयक 2022 के प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए एक ज्ञापन में केंद्र ने कहा, 'मोटर स्प्रिट (सामान्य रूप से इसे पेट्रोल के रूप में जाना जाता है) में एथनॉल/मेथनॉल मिश्रण और हाई स्पीड डीजल के साथ बायोडीजल के मिश्रण को प्रोत्साहित करने के लिए बगैर मिश्रण वाले पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमत पर 2 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त बुनियादी उत्पाद शुल्क 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होगा।'
तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'मौजूदा प्रस्ताव से 1 अक्टूबर से देश भर में डीजल की कीमत बढ़ जाएगी।' उन्होंने यह भी कहा, 'उन प्रावधानों को हटाने का सुझाव दिया जा रहा है, जिसके तहत गैर मिश्रित डीजल पर अतिरिक्त शुल्क का प्रस्ताव किया गया है क्योंकि मिश्रण का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है।'
लेवी के माध्यम से ईंधन के दाम किसी बढ़ोतरी को हतोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि 2022 में कच्चे तेल की कीमत अधिक रहेगी और यह पहले ही 100 डॉलर प्रति बैरल के नजदीक पहुंच चुकी है। इसकी वजह से देश में डीजल और पेट्रोल जैसे पेट्रोलिमय उत्पाद और महंगे हो जाएंगे।
बहरहाल पेट्रोलियम मंत्रालय को भरोसा है कि पेट्रोल में एथनॉल मिलनाने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। तेल कंपनियों से उम्मीद की गई है कि अगर वे पर्याप्त एथनॉल आपूर्ति नहीं पाती हैं और इसका मिश्रण नहीं कर पाती है तो गैर मिश्रित पेट्रोल पर 2 रुपये लीटर अतिरिक्त शुल्क का बोझ उठा लेंगी। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में 2 अगस्त, 2021 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था, 'डीजल में बॉयोडीजल का मौजूदा मिश्रण प्रतिशत 0.1 प्रतिशत से भी कम है। जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति 2018 में 2030 तक डीजल में 2 प्रतिशत बॉयोडीजल मिलाने का सांकेतिक लक्ष्य दिया गया है।'
केंद्रीय बजट और वित्त विधेयक, 2022 का मसौदा तैयार करने में शामिल रहे वित्त मंत्रालय के दो अधिकारियों ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से अब तक कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं मिला है, जिसमें वित्त विधेयक या उसके ज्ञापन में किसी बदलाव का प्रस्ताव किया गया हो।
एक अधिकारी ने कहा, 'हमें उनसे अब तक ऐसा कुछ भी प्रस्ताव नहीं मिला है। अगर तेल मंत्रालय हमसे ऐसा कहता है तो उसकी जांच की जाएगी। अगर इस पर सहमति बनती है तो वित्त विधेयक के संबंधित प्रावधान में बदलाव किया जाएगा।'
दूसरे अधिकारी ने कहा कि अगर डीजल पर अतिरिक्त शुल्क न लेने का कोई प्रस्ताव आता है तो न सिर्फ कम बायोडीजल उत्पादन की मौजूदा स्थिति को देखते हुए फैसला किया जाएगा, बल्कि इस पर भी विचार किया जाएगा कि इससे केंद्र सरकार को कितना राजस्व गंवाना पड़ेगा।
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