इस साल गेहूं, चना और सरसों की होगी रिकॉर्ड पैदावार | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली February 16, 2022 | | | | |
रबी की चालू सीजन में देश में गेहूं, चना और सरसों की पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर हो सकती है जिससे विशेष तौर पर दलहन और तिलहन में खाद्य महंगाई में कमी आने की उम्मीद है। आज जारी किए गए खाद्यान्न उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक जुलाई में शुरू हुए 2021-22 के फसल वर्ष गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.132 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 1.58 फीसदी अधिक है। सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड 1.149 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो कि पिछले वर्ष से 12.54 फीसदी अधिक है।
इस वर्ष चना का उत्पादन 1.312 करोड़ टन के साथ सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच सकता है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 10.16 फीसदी अधिक है। कुल मिलाकर 31.606 करोड़ टन (खरीफ और रबी को मिलाकर) के साथ खाद्यान्न उत्पादन सर्वकालिक उच्च स्तर पर रह सकता है जो कि पिछले वर्ष से 1.71 फीसदी अधिक है।
रबी सीजन में सभी फसलों में गेहूं, सरसों और चने का उत्पादन सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आगामी कुछ हफ्तों में इनकी पैदावार पूरी क्षमता के साथ बाजार में पहुंचना शुरू हो जाएगी। रबी फसलों की अच्छी पैदावार से आगामी महीनों में खाद्य महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। खासकर खाद्य तेलों और दलहनों के दाम में गिरावट आ सकती है। ताजे आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी महीने में सात महीनों के अंतराल के बाद देश की खुदरा महंगाई केंद्रीय बैंक की ओर से महंगाई के लिए निर्धारित ऊपरी सीमा से ऊपर चली गई जबकि थोक महंगाई दर जनवरी महीने में लगातार 10वें महीने दो अंक में बनी रही।
सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ समय पहले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर जनवरी में 6.01 फीसदी पर पहुंच गई जिसमें खाद्य, पेय, परिधान और फूटवियर का योगदान रहा।
प्रतिकूल आधार प्रभाव के कारण सब्जियों के दाम में तेजी से इजाफा हुआ। दिसंबर 2021 में सब्जियों के दाम में 3 फीसदी की गिरावट आई थी जो जनवरी 2022 में 5.2 फीसदी की उछाल के साथ 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई।
हालांकि, प्रमुख महंगाई दिसंबर के 5.85 फीसदी से कम होकर जनवरी में 5.82 फीसदी पर आ गई। इसमें उतार चढ़ाव वाले खाद्य और ईंधन कीमतों को शामिल नहीं किया गया है।
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