'बैंक केवाईसी ब्योरे दोबारा जांचें' | |
मनोजित साहा / मुंबई 02 16, 2022 | | | | |
हाल में ऑनलाइन धोखाधड़ी में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से भारतीय रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों से देश के कुछ खास जिलों में बैंक खाते खोलने के लिए निगरानी बढ़ाने और केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) ब्योरे के सत्यापन का निर्देश दिया है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि कुछ साल पहले ऑनलाइन धोखाधड़ी जामताड़ा से शुरू हुई थी, लेकिन अब यह नोएडा, गुरुग्राम, मेवात, अलवर, अहमदाबाद जैसे देश के अन्य बहुत से हिस्सों में तेजी से बढ़ी है। धोखाधड़ी के तरीके के बारे में बताते हुए बैंक अधिकारियों ने कहा कि ऐसे जालसाज सबसे पहले एक या देश के बहुत से हिस्सों में बहुत से बैंक खाते जाली या असली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके खोलते हैं। ये वे खाते होते हैं, जिनमें असली बैंक ग्राहकों को ठगने के बाद पैसा आता है।
एक बैंक अधिकारी ने खोले गए बैंक खातों की विशेषता बताते हुए कहा, 'एक रोचक पहलू यह था कि इन जालसाजों की जन्म तिथि 1 जनवरी, 26 जनवरी और 15 अगस्त जैसी लोकप्रिय तारीखें थीं। ज्यादातर खाते पहले नाम पर खोले गए हैं।'
बैंक अधिकारी ने कहा कि ये वे खाते हैं, जिनमें विभिन्न खातों से फर्जीवाड़े से निकाला गया पैसा आता है। यही वजह है कि देश के ऐसे कुछ खास जिलों के बैंक खातों के केवाईसी ब्योरे का दोबारा सत्यापन करना जरूरी है। बैंक अधिकारियों ने कहा कि यह हो सकता है कि गृह मंत्रालय को उन क्षेत्रों के बारे में जानकारी मिली हो, जहां से जालसाज काम करते हैं और नियामक को केवाईसी ब्योरों की दोबारा जांच करने की जरूरत के लिए आगाह किया हो।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक में वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा, 'नियामक ने कुछ ऐसे क्षेत्र बताए हैं, जहां इस तरह की चीजें हो रही हैं। इसने बैंकों से कुछ खास क्षेत्रों में ज्यादा सतर्कता, ज्यादा निगरानी, कड़ी केवाईसी सत्यापन प्रक्रिया अपनाने और ब्योरों की दोबारा जांच के लिए कहा है।'
एक अन्य वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा, 'डिजिटलीकरण, आंकड़ों की उपलब्धता बढऩे और फिनेटक में अत्यधिक वृद्धि से इस तरह के खतरे बढ़ेंगे।' धनी लोन्स ऐंड सर्विसेज लिटिमेड में एक नई ऑनलाइन धोखाधड़ी सोमवार को सामने आई है। धनी को पहले इंडियाबुल्स कंज्यूमर फाइनैंस लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह रिजर्व बैंक के पास पंजीकृत एनबीएफसी है, जो जमाएं स्वीकार नहीं कर सकती। जालसाजों ने एक ऐप से 5 लाख रुपये तक के त्वरित ऋण लेने के लिए बहुत से ग्राहकों के पैन (स्थायी खाता संख्या) इस्तेमाल की। इस राशि का एक हिस्सा एक डिजिटल कार्ड में तुरंत भेजा जाता है, जिसे ऑनलाइन लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। फीस चुकाकर एक फिजिकल कार्ड भी हासिल किया जा सकता है, जिसका पॉइंट ऑफ सेल मशीनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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