क्रिप्टो माइनिंग-ट्रेडिंग इकाइयों पर जीएसटी! | अरूप रायचौधरी और असित रंजन मिश्रा / नई दिल्ली February 16, 2022 | | | | |
केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद से कहेगी कि क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराने वाली इकाइयों और वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के लिए वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग करने वालों पर जीएसटी लगाया जाए। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इस पर विचार कर रहा है। सीबीआईसी के चेचयरमैन विवेक जौहरी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस पर 18 फीसदी के हिसाब से कर लगाने का प्रस्ताव किया जा सकता है।
18 फीसदी जीएसटी का मतलब है कि इन इकाइयों पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज द्वारा अर्जित कमीशन पर जितना कर लगता है, उतना ही कर वसूला जाएगा। जौहरी ने कहा कि सीबीआईसी एक महीने के अंदर आंतरिक मूल्यांकन पूरा कर लेगा, फिर उसे जीएसटी कानून समिति के पास भेजा जाएगा। इसके बाद अंतिम निर्णय के लिए प्रस्ताव जीएसटी परिषद को भेजा जाएगा।
जौहरी ने कहा, 'यदि मैं क्रिप्टो संपत्तियों की आपूर्ति करता हूं या उसे खरीदता हूं या क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग करता हूं या वस्तु एवं सेवाओं की खरीद के बदले इसका उपयोग करता हूं तो जीएसटी के तहत इसे कैसे देखा जाएगा? इसके लिए कुछ और विचार-विमर्श और मूल्यांकन की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि महीने भर के अंदर इसका आकलन कर लिया जाएगा।'
इस पर लगने वाले जीएसटी की दर पूछे जाने पर सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा, 'यह थोड़ा काल्पनिक है। लेकिन अगर यह सेवा है, अगर इस तरह के लेनदेन आईटी सेवाओं के प्रावधान के तहत होते हैं तो इस पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लग सकता है।'
हालांकि जीएसटी परिषद की अगली बैठक की तारीख अभी तय नहीं है लेकिन मार्च में इसकी बैठक बुलाई जा सकती है।
जौहरी ने कहा, 'क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर जीएसटी लगाना स्पष्ट है। एक्सचेंज इसका अच्छा उदाहरण है। अगर एक्सचेंज ऑपरेटर क्रिप्टो की आपूर्ति या खरीद में शामिल किसी को सेवाएं मुहैया कराता है तो उस पर कर देनदारी बनती है। हम यह कर वसूल रहे हैं।'
जब यह प्रस्ताव परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा तो तेजी से विस्तार कर रहे क्षेत्र पर प्रत्यक्ष कर पर स्पष्टता आएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में प्रत्यक्ष कर के प्रावधानों को पहले ही स्पष्ट कर दिया है। सीतारमण ने कहा था कि वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों के कारोबार से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी कर लगेगा और 1 फीसदी टीडीएस होगा यानी स्रोत पर ही 1 फीसदी कर काट लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह की संपत्तियों की खरीद लागत के अलावा आय की गणना में किसी तरह के खर्च आदि की कटौती की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही वर्चुअल संपत्तियों में हुए नुकसान की भरपाई अन्य आय से नहीं की जा सकती है।
यह पहली बार है जब कर विभाग को ऐसे क्षेत्र पर कर लगाने का काम सौंपा गया है जिसके विनियमन का इंतजार किया जा रहा है। सीतारमण ने स्पष्ट किया था कि कर लगाने का मतलब क्रिप्टो को कानूनी वैधता देना नहीं है।
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