धीमी पड़ी निर्यात वृद्धि की रफ्तार | श्रेया नंदी / नई दिल्ली February 15, 2022 | | | | |
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में वस्तुओं के निर्यात में रिकॉर्ड तेजी के बाद जनवरी में भारत के निर्यात में वृद्धि की रफ्तार सुस्त हुई है।
बहरहाल विश्व भर में ओमीक्रोन के मामले बढऩे के बावजूद यह लगातार 11वें महीने 30 अरब डॉलर से ऊपर बना हुआ है। जनवरी में वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 27.54 प्रतिशत बढ़कर 34.5 अरब डॉलर हो गया, क्योंकि भारत के उत्पादों की वैश्विक मांग में तेजी बनी हुई है।
इंजीनियरिंग के सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायन, ड्रग्स और फामास्यूटिकल्स के निर्यात में तेजी बनी हुई है।
हालांकि पिछले महीने की तुलना में निर्यात में 8.7 प्रतिशत की कमी आई है। भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान 335.88 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 46 प्रतिशत ज्यादा है। सरकार ने वित्त वर्ष 22 में 400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य तय किया है। आयात में भी तेजी बनी हुई है। देश में 51.93 अरब डॉलर का आयात हुआ है, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 23.54 प्रतिशत ज्यादा है। परिणामस्वरूप भारत शुद्ध आयातक बना हुआ है, जिसका व्यापार घाटा 17.42 अरब डॉलर रहा है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक आवाजाही कम होने और सोने की मांग कम रहने, तीसरी लहर व उसके कारण लगे प्रतिबंधों की वजह से वाणिज्यिक व्यापार घाटा कम करने में मदद मिली है और यह जनवरी में 5 माह के निचले स्तर 17.4 अरब डॉलर पर रहा है।
भारत ने 2.4 अरब डॉलर के सोने का आयात किया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 40.5 प्रतिशत कम है। बहरहाल कुल मिलाकर सोने का आयात अप्रैल-जनवरी के दौरान 94 प्रतिशत बढ़कर 40.4 अरब डॉलर हो गया है। भारत के आयात बिल में सोना दूसरा मुख्य सामान है।
नायर ने कहा, 'हमारे विचार से 2021 में सोने के आयात में तेजी की मुख्य वजह 2020 में मांग में गिरावट है। हमारा मानना है कि सोने का आयात 2022 में 30 से 35 अरब डॉलर का रहेगा। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़कर 26 से 29 अरब डॉलर रह सकता है, जबकि वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में यह घटकर15 से 17 अरब डॉलर रह जाएगा।'
गैर पेट्रोलियम एवं गैर रत्न एवं आभूषण का निर्यात भी घरेलू औद्योगिक मांग का संकेतक है, जो जनवरी में 27.10 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.4 प्रतिशत ज्यादा है। एग्जिम बैंक में शोध एवं विश्लेषण के मुख्य महाप्रबंधक प्रह्लादन अय्यर ने कहा कि इस साल निर्यात क्षेत्र का प्रदर्शन शानदार रहा है, वहीं खासकर सितंबर के आयात भी उच्च स्तर पर बना हुआ है। उन्होंने कहा, 'व्यापार घाटा वित्त वर्ष 13 में 190 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर को छू जाने की संभावना है। हालांकि सेवा क्षेत्र ने व्यापार अधिशेष का सृजन किया है, जिसका असर रहेगा।'
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