जियो का एसईएस संग करार | अनीश फडणीस / मुंबई February 14, 2022 | | | | |
रिलायंस जियो ने लक्जमबर्ग की कंपनी एसईएस के साथ करार के साथ ही उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड संचार के क्षेत्र में दस्तक देने की घोषणा की है। इस साझेदारी के बल पर जियो उपग्रह प्रौद्योगिकी का फायदा उठाते हुए भारत में अगली पीढ़ी की सस्ती और व्यापक ब्रॉडबैंड सेवाओं की पेशकश करने में समर्थ होगी। दोनों कंपनियां एक संयुक्त उद्यम स्थापित करेगी जिसमें जियो प्लेटफॉम्र्स लिमिटेड की 51 फीसदी और एसईएस की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इस साझेदारी के साथ ही जियो उन कंपनियों की जमात में शामिल हो जाएगी जो उपग्रह आधारित दूरसंचार सेवाएं प्रदान करती हैं। इन कंपनियों में सुनील भारती मित्तल के निवेश वाली कंपनी वन वेब और एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक शामिल हैं। कुछ सप्ताह पहले कंपनी ने उपग्रह लाइसेंस द्वारा वैश्विक मोबाइल व्यक्तिगत संचार के लिए आवेदन किया था। दोनों कंपनियों ने एक बयान में कहा, 'संयुक्त उद्यम मल्टी-ऑर्बिट अंतरिक्ष नेटवर्क का उपयोग करेगा जो भूस्थैतिक (जीईओ) और मध्यम पृथ्वी कक्षा (एमईओ) उपग्रह का एकीकृत नेटवर्क है। यह नेटवर्क कई-गीगाबाइट लिंक डिलिवर करने में समर्थ है जिसमें एंटरप्राइज, मोबाइल बैकहॉल और खुदरा उपभोक्ताओं को भारत एवं आसपास के क्षेत्र में सेवाएं उपलब्ध कराने की क्षमता है।'
बयान में कहा गया है, 'यह संयुक्त उद्यम एसईएस के उपग्रह डेटा और भारत में कनेक्टिविटी सेवाएं प्रदान करने के लिए एक वाहन होगा। इसमें कुछ अंतरराष्टï्रीय वैमानिकी एवं समुद्री ग्राहक शामिल नहीं होंगे क्योंकि उन्हें एसईएस द्वारा सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उसके पास एसईएस से 100 गीगाबाइट तक क्षमता उपलब्ध होगी और वह भारत में ग्राहकों तक पहुंचने के लिए जियो की अग्रणी स्थिति का फायदा उठाएगी।' निवेश योजना के तहत जियो वेंचर देश भर में सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए देश के भीतर व्यापक गेटवे बुनियादी ढांचा स्थापित करेगा। जियो वेंचर का प्रमुख ग्राहक जियो होगी और उसने कई वर्षों के लिए क्षमता खरीद समझौता किया है।
जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा, 'हम फाइबर आधारित कनेक्टिविटी, फाइबर टु होम कारोबार में लगातार विस्तार कर रहे हैं और 5जी में निवेश जारी है। लेकिन एसईएस के साथ यह नया उद्यम मल्टीगीगाबाइट ब्रॉडबैंड में वृद्धि को रफ्तार देगा। इससे अतिरिक्त कवरेज और क्षमता के साथ जियो दूरदराज के गांवों, कस्बों, सरकारी संस्थानों और ग्राहकों को डिजिटल इंडिया से जोडऩे में समर्थ होगी।' एसईएस के सीईओ स्टीव कोलर ने कहा, 'यह संयुक्त उद्यम इस बात का उदाहरण है कि एसईएस उच्च गुणवत्ता वाली कनेक्टिविटी सेवाओं के लिए किस प्रकार व्यापक नेटवर्क का पूरक बन सकती है ताकि लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सके।'
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