क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के पक्ष में भारतीय रिजर्व बैंक | मनोजित साहा / मुंबई February 14, 2022 | | | | |
आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर कर लगाने का प्रस्ताव करने से आभासी मुद्रा की वैधता को लेकर निवेशकों की उम्मीदें बढ़ गई थीं लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की बात कही है। आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को वृहद आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बताया है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गनर्वर टी रविशंकर ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की सालाना बैंकिंग टेक्नोलॉजी सम्मेलन में कहा, 'भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाना सबसे उपयुक्त विचार है।' उन्होंने कहा कि हमने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की वकालत करने वालों के तर्कों की समीक्षा की है और पाया कि उनमें से कोई भी बुनियादी समीक्षा पर खरा नहीं उतरा।
अन्य विकसित देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाए जाने के तर्क पर डिप्टी गवर्नर ने कहा कि उन देशों में इस पर पाबंदी इसलिए नहीं लगाई है क्योंकि उन्हें मुद्रा विनिमय को लेकर कोई जोखिम नहीं हैं। क्रिप्टो पर पाबंदी लगाए जाने से लाखों निवेशकों को चपत लगने के मसले पर रविशंकर ने कहा कि भारत में प्रतिबंध लगने का मतलब यह नहीं है कि निवेशक अपना पैसा गंवा देंगे क्योंकि उन्हें अपना निवेशक निकालने की उपयुक्त सुविधा दी जा सकती है। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले इससे जुड़े जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि नवंबर में जुटाए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में क्रिप्टो में ज्यादा निवेश नहीं हुआ है क्योंकि पांच में से चार निवेशकों ने 10,000 से भी कम का निवेश किया हुआ है और औसत होल्डिंग आकार 1,566 रुपये का है। उन्होंने कहा कि अगर किसी वजह से संपत्ति का पूरा नुकसान होता है तो इससे इन निवेशकों का एक छोटा वर्ग प्रभावित होगा।
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