देश के फैक्टरी उत्पादन की वृद्धि सुस्त पड़कर दिसंबर में 0.4 फीसदी रही, जो इसका 10 महीनों का सबसे निचला स्तर है। ओमीक्रोन की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों से मार्जिन पर असर पड़ रहा है। इससे संकेत मिलता है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधार मजबूत स्थिति में नहीं है। सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में विनिर्माण उत्पादन 0.1 फीसदी घटा, जबकि खनन में 2.6 फीसदी और बिजली में 2.8 फीसदी वद्धि रही। आलोच्य महीने के दौरान पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन लगातार तीसरे महीने घटा, जबकि टिकाऊ उपभोक्ता सामान के उत्पादन में लगातार चौथे महीने संकुचन रहा। गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान के उत्पादन में वृद्धि दो महीनों में बढ़ोतरी के बाद दिसंबर में ऋणात्मक रही। एक साल पहले के अपने स्तर के मुकाबले गिरावट रही, जबकि मध्यवर्ती वस्तुओं का उत्पादन लगभग अपरिवर्तित रहा। दक्षिण भारत में मौसम से संबंधित अवरोधों के घटने के बावजूद दिसंबर में बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं की वृद्धि नरम पड़कर 1.7 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने में 3.1 फीसदी थी।
