कोविड की मार से जीडीपी पर व्यापक असर | भाषा / नई दिल्ली February 10, 2022 | | | | |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की मार से वित्त वर्ष 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.57 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट पर लोकसभा में चली चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही।
सीतारमण ने कहा कि अमृतकाल की तरफ बढऩे के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'जनधन योजना के कारण आज सभी भारतीय वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। उन्होंने कहा कि देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली इकाइयां) बने, जो अमृत काल का ही संकेत है। शहरों में बेरोजगारी
घटकर महामारी से पहले के स्तर पर आ गई है।'
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार की स्थिति में अब सुधार का संकेत दिख रहा है। शहरों में बेरोजगारी अब कोविड-पूर्व स्तर पर आ गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक रोजगार के 1.2 करोड़ अतिरिक्त अवसर पैदा हुए हैं।
वित्त मंत्री ने विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में इस विपक्षी पार्टी के कारण ही अंधकाल था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में लोगों के वित्तीय समावेश और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अमृतकाल की दिशा में कदम बढाय़ा गया है।
बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आरोप लगाया था कि सरकार भले ही अमृत काल की बात कर रही है, लेकिन असल में इस सरकार के तहत यह अंधकाल है। वित्त मंत्री ने थरूर की इस टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा, 'देश में अंधकाल निश्चित तौर पर था, लेकिन वह सिर्फ कांग्रेस की वजह से था। 1991 में हमारा विदेशी मुद्रा भंडार दो सप्ताह का ही बचा था, जो अंधकाल था। इससे पहले आपातकाल के समय भी अंधकाल था।'
सीतारमण ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल, खासकर दूसरे कार्यकाल में महंगाई दहाई अंकों में थी, वह भी निश्चित तौर पर अंधकाल था.. कोयला घोटाला था, 2जी घोटाला था, अंतरिक्ष-देवास घोटाला था। रोजाना सुबह के अखबार में भ्रष्टाचार की खबरें आती थीं..नीतिगत पंगुता थी। वह अंधकाल था।
उनके मुताबिक अमृतकाल की दिशा में बढऩे के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और आज इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। उन्होंने कहा कि इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की कई अन्य योजनाओं का भी उल्लेख किया।
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