आईपीओ से वाणिज्यिक उधारी में आई तेजी | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई February 09, 2022 | | | | |
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पर दांव लगाने के लिए धनाढ्य निवेशकों को अल्पकालिक ऋण मुहैया कराने के वास्ते गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) वाणिज्यिक प्रतिभूतियों के जरिये खूब उधारी जुटा रही हैं। 2021 में वाणिज्यिक प्रतिभूतियों के जरिये 21.9 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए, जो इससे पिछले साल की तुलना में 49 फीसदी अधिक रहे और 2017 के बाद सार्वधिक थे। प्राइमडेटाबेस डॉट कॉम के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जारी होने वाली करीब 37 फीसदी वाणिज्यिक प्रतिभूतियां 1 से 2 हफ्ते की अवधि वाली थीं। आईपीओ के लिए आम तौर पर 7 से 10 दिन की उधारी दी जाती है।
पिछले साल 63 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। वाणिज्यिक प्रतिभूतियों के जरिये सबसे अधिक रकम जुलाई, अगस्त, नवंबर और दिसंबर में जुटाई गई क्योंकि इन्हीं महीनों में सबसे ज्यादा आईपीओ बाजार में आए थे और उनसे करीब 78,000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, 'पिछले साल आईपीओ की बाढ़ ने धनाढ्य निवेशकों को खूब लुभाया, जिन्होंने सूचीबद्घता के दिन मोटी कमाई के मकसद से इनमें निवेश के लिए एनबीएफसी से काफी कर्ज लिया था। इसकी वजह से एनबीएफसी ने वाणिज्यिक प्रतिभूतियों के जरिये पूंजी की व्यवस्था की थी।'
पिछले साल 63 आईपीओ में से 25 को धनाढ्य निवेशक श्रेणी में 100 गुना से अधिक बोलियां मिलीं। इनमें से 6 फर्में 100 फीसदी से ज्यादा बढ़त के साथ सूचीबद्घ हुईं, जबकि 6 कंपनियां पहले दिन 50 फीसदी बढ़त पर बंद हुईं। सूचीबद्घता के दिन बंद भाव के आधार पर 58 फर्मों में से 34 ने 10 फीसदी से ज्यादा प्रतिफल दिया। आईपीओ का औसत आकार 1,884 करोड़ रुपये था, जो कई वर्षों में सबसे अधिक है।
जेएम फाइनैंशियल में संस्थागत स्थिर आय के प्रमुख और प्रबंध निदेशक अजय मंगलूनिया ने कहा, 'कर्ज मिल जाए तो निवेशक को निर्गम में शेयर हासिल करना आसान हो जाता है। इसके साथ ही सूचीबद्घ कराने की अवधि कम होने तथा तंत्र में तरलता अधिक होने से ऋणदाताओं ने पिछले साल कम ब्याज पर उधारी दी, इसके बावजूद उनका स्प्रेड 3 से 4 फीसदी का था।'
आईपीओ के लिए उधारी देना एनबीएफसी के लिए कम वक्त में अच्छी कमाई करने का साधन होता है क्योंकि आईपीओ को 6 से 8 दिन के अंदर सूचीबद्घ कराना होता है। मंगलूनिया ने कहा, 'एनबीएफसी आम तौर पर ऐसे ऋण के लिए जमानत की मांग नहीं करतीं क्योंकि भुगतान की राशि रिफंड के लिए आवंटित हिस्से से कवर हो जाती है।'
वाणिज्यिक प्रतिभूतियों के जरिये पिछले साल पूंजी जुटाने वाली शीर्ष 10 एनबीएफसी में से चार थीं बजाज फाइनैंस, इनफिना फाइनैंस, आदित्य बिड़ला और टाटा कैपिटल फाइनैंशियल सर्विसेज। इसके अलावा जेएम फाइनैंशियल की सहायक इकाई जेएम फाइनैंशियल प्रॉपर्टीज ऐंड होल्डिंग्स भी आईपीओ के लिए ऋण देने वाली अग्रणी एनबीएफसी है। इन पांच फर्मों ने 2021 में वाणिज्यिक प्रतिभूतियों के जरिये कुल 5.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे।
इस साल जनवरी में केवल दो आईपीओ बाजार में आए, जिससे वाणिज्यिक प्रतिभूतियां जारी करने में 46 फीसदी गिरावट आई और दिसंबर के 2.40 लाख करोड़ रुपये से घटकर यह रकम केवल 1.35 लाख करोड़ रुपये रह गई।
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