वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन संबंधी शिकायतों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। इसी अवधि के दौरान मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से संबंधित शिकायतों में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। वहीं एटीएम व डेबिट कार्ड संबंधी शिकायतों में 2019-20 की तुलना में 13 प्रतिशत की कमी आई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद वाईएस चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में सीतारमण ने यह जानकारी दी। 2020-21 राष्ट्रीय लॉकडाउन का साल था, जब ज्यादातर लोग कोरोना महामारी के कारण ऑनलाइन लेन-देन की ओर जा रहे थे। वित्त मंत्री ने कहा कि ये शिकायतें आरबीआई लोकपाल योजना के 3 मंचों बैंकिंग लोकपाल योजना, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी लोकपाल योजना और डिजिटल लेन-देन लोकपाल योजना के तहत मिली हैं। नवंबर 2021 में केंद्रीय बैंक ने एकीकृत लोकपाल योजना की पेशकश की थी, जिसे रिजर्व बैंक की लोकपाल योजना से जोड़ा गया था। वित्त मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक रिजर्व बैंक को 2019-20 में एटीएम और डेबिट कार्ड संबंधी 69,205 शिकायतें मिलीं और 2020-21 में 60,203 शिकायतें मिलीं। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से संबंधित शिकायतें 2019-20 में 39,627 और 2020-21 में 44,385 शिकायतें मिलीं। क्रेडिट कार्ड से लेनदेन के मामलों में रिजर्व बैंक को 2019-20 में 26,616 और 2020-21 में 40,721 शिकायतें मिली हैं। नवंबर 2021 में नए एकीकृत लोकपाल के आने से रिजर्व बैंक को कुल 4,743 शिकायतें मिली हैं।
