पीएलआई से रोजगार पर नजर | सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली February 07, 2022 | | | | |
सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लागू होने के अगले पांच वर्षों में 60 लाख से अधिक रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा था। इस जादूई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 14 निर्दिष्ट क्षेत्रों में से 5 को काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। इन पांच क्षेत्रों में कपड़ा, विशेषीकृत इस्पात, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, वाहन एवं कलपुर्जे और हाइटेक मोबाइल उपकरण विनिर्माण शामिल हैं।
कंपनियों द्वारा किए गए प्रतिबद्धताओं (जिस पर सरकार का लक्ष्य आधारित है) पर गौर किया जाए तो सरकारी लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार सृजित करने की कुल आवश्यकता में इन पांच क्षेत्रों का योगदान 53 फीसदी होगा। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि 2,00,000 प्रत्यक्ष रोजगार और 6,00,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन के साथ केवल मोबाइल उपकरण विनिर्माण क्षेत्र पीएलआई से सृजित कुल रोजगार में 13 फीसदी का योगदान करेगा जो सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
सबसे अहम बात यह है कि महज एक कंपनी ऐपल के तीन वेंडर हैं जो अपनी प्रतिबद्धताओं के अनुसार सरकार के कुल पीएलआई रोजगार लक्ष्य में 8 फीसदी का योगदान करेंगे। इन तीन वेंडरों में फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन शामिल हैं जिन्होंने 2,00,000 प्रत्यक्ष रोजगार में से 60 फीसदी रोजगार सृजित करने की प्रतिबद्धता जताई है। विश्लेषकों का मानना है कि अप्रत्यक्ष रोजगार में भी उनकी समान हिस्सेदारी होगी।
एक अन्य तरीके से गौर किया जाए तो एक चौथाई रोजगार महज दो क्षेत्रों से आएंगे जिनमें कपड़ा और वाहन एवं कलपुर्जा शामिल हैं। इन दोनों क्षेत्रों से 1,50,000 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। रोजगार सृजन में वृद्धि को विनिर्माण क्षेत्र में हुए रोजगार नुकसान के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र में साल 2016-17 में 5.1 करोड़ भारतीयों को रोजगार मिला था जो वैश्विक महामारी से पहले घटकर 2020-21 में महज 2.73 करोड़ रह गया था। इसके अलावा पात्र कंपनियों के लिए रोजगार सृजित करने की प्रतिबद्धता हर साल वित्तीय प्रोत्साहन हासिल करने के लिए कोई शर्त नहीं है।
हालांकि सरकार प्रतिबद्धताओं पर करीबी नजर रख रही है। कम से कम मोबाइल उपकरण क्षेत्र में तो ऐसा ही दिख रहा है। इस क्षेत्र की कंपनियों द्वारा दिए गए रोजगार लक्ष्य सही राह पर अग्रसर दिख रहा है।
इंडियन सेलुलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के आकलन के अनुसार, मोबाइल उपकरण विनिर्माण से इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक 1,00,000 से अधिक की अतिरिक्त रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
विश्लेषकों ने लक्ष्यों को लेकर सावधान किया है। उन्होंने अप्रैल 2021 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (एसी और एलईडी टीवी) के लिए पीएलआई योजना की मंजूरी की घोषणा के साथ जारी बयान का हवाला देते हुए कहा है कि पांच वर्षों में 4,00,000 रोजगार सृजित होंगे। लेकिन सात महीने बाद एक अन्य विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रत्यक्ष रोजगार महज 44,000 होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि पिछले लक्ष्य को हासिल करने के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार नौ गुना अधिक होगा।
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