देश का बाजार पूंजीकरण-जीडीपी अनुपात 116 फीसदी | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई February 06, 2022 | | | | |
पिछले कुछ सप्ताह में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय इक्विट कई मानकों की पैमाइश पर महंगी बनी हुई है। उदाहरण के लिए भारत का बाजार पूंजीकरण-जीडीपी अनुपात कई वर्षों के शीर्ष स्तर तक पहुंच चुका है। ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के एक नोट के अनुसार वर्तमान में यह अनुपात वित्त वर्ष 22 के अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों के आधार पर 116 प्रतिशत के स्तर पर है, जो 79 प्रतिशत के दीर्घकालिक औसत से अधिक और कैलेंडर वर्ष 7 के बाद से अपने अधिकतम स्तर पर है।
भारतीय इक्विटी वित्त वर्ष 22 की अनुमानित आय से 23.9 गुना स्तर पर कारोबार कर रही है, जिसमें निफ्टी 12 महीने के फॉरवर्ड रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) के 15.6 प्रतिशत स्तर पर है, जो इसके दीर्घकालिक औसत से अधिक है।
पिछले 12 महीनों में एमएससीआई इंडिया (29 प्रतिशत) ने एमएससीआई ईएम (-9 प्रतिशत) से बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले एक दशक में इसने एमएससीआई ईम को 181 प्रतिशत तक की मात दी है। एमएससीआई इंडिया पी/ई के लिहाज से एमएससीआई ईएम के मुकाबले 96 प्रतिशत के प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है, जो इसके 59 प्रतिशत के ऐतिहासिक औसत से अधिक है।
वैश्विक बाजार पूंजीकरण में भारत की हिस्सेदारी तीन प्रतिशत बैठती है, जो जनवरी 2011 के बाद से सर्वाधिक है। जनवरी 2022 को समाप्त हुए 12 महीने में वैश्विक बाजार पंूजीकरण आठ प्रतिशत (8.6 लाख करोड़ डॉलर) बढ़ चुका है, जबकि भारत का बाजार पूंजीकरण 38 प्रतिशत बढ़ा है।
निफ्टी के आधे संघटक ऐतिहासिक औसत के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। अपने ऐतिहासिक औसत की तुलना में खासे प्रीमियम पर कारोबार करने वाली कंपनियों में एचसीएल टेक्नोलॉजिज (69 प्रतिशत ज्यादा), विप्रो (53 प्रतिशत), इन्फोसिस (53 फीसदी), टीसीएस (52 प्रतिशत) और टाइटन (52 प्रतिशत) शामिल हैं।
अपने ऐतिहासिक औसत से खासे कम स्तर पर कारोबार करने वाली कंपनियों में ओएनजीसी (-62 प्रतिशत), टाटा स्टील (-54 प्रतिशत), कोल इंडिया (-51 प्रतिशत), आईटीसी (-38 प्रतिशत) और जेएसडब्ल्यू स्टील (-38) शामिल हैं।
दो-तिहाई से अधिक क्षेत्र ऐतिहासिक औसत के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। विशिष्ट रसायन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र अपने 10 साल के औसत प्राइस टु अर्निंग (पी/ई) मल्टिपल की तुलना में क्रमश: 152.5 प्रतिशत और 136.6 प्रतिशत प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे, जो क्षेत्रों में सबसे ज्यादा है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र 27.5 गुना पी/ई पर कारोबार कर रहा है, जो इसके ऐतिहासिक औसत 18.1 गुना से 52 प्रतिशत अधिक प्रीमियम है।
ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल के नोट में कहा गया है कि हम इन अधिक मूल्यांकनों के बावजूद सकारात्मक (सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों पर) बने हुए हैं, क्योंकि हालिया तिमाही की आय मजबूत मांग को प्रमाणित करती है।
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