सरकार वैश्विक घटनाओं से उत्पन्न स्थिति से निपटने को तैयार : वित्त मंत्री | भाषा / नई दिल्ली February 06, 2022 | | | | |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है। इन घटनाक्रमों में अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा नरम मौद्रिक रुख को वापस लेना भी शामिल है।
सीतारमण ने रविवार को उद्योग मंडल फिक्की के साथ बजट-बाद परिचर्चा में कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को वैश्विक घटनाक्रमों से किसी तरह प्रभावित नहीं होने देगी। उन्होंने कॉरपोरेट जगत का आह्वान किया कि वे अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार का लाभ उठाएं और निवेश बढ़ाएं।
वित्त मंत्री ने कहा, 'अब टीम इंडिया के रूप में हमारे पास उबरने का मौका है। हम ऐसे मोड़ पर है जबकि अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार पूरी तरह स्पष्ट है। इस पुनरुद्धार की वजह से भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था बनेगा। यह रुख अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहेगा।'
उन्होंने कहा कि महामारी के बाद दुनिया में बदलाव आया है और उद्योग के नेतृत्व को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत इस बार बस में सवार होने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट के समय भारत ने ऐसा अवसर गंवा दिया था।
सीतारमण ने कहा, 'रिजर्व बैंक और सरकार मिलकर काम कर रहे हैं और वे वैश्विक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को देख रहे हैं कि क्या चल रहा है। हमने भारत सरकार के समक्ष 2012-13 और 2013-14 में आए पिछले संकट से सबक सीखा है।'
उन्होंने कहा, 'हमारी वैश्विक रणनीतिक घटनाक्रमों पर नजर है। फेडरल रिजर्व के निर्णय और साथ ही वैश्विक मुद्रास्फीतिक दबाव को हम देख रहे हैं। इन चीजों पर हमारी नजदीकी निगाह है। मैं यहां मौजूद नेतृत्व को आश्वस्त करना चाहती हूं कि तैयारियों की वजह से अर्थव्यवस्था को हम कोई नुकसान नहीं होने देंगे।'
उन्होंने भरोसा जताया कि भारत आगे बढ़ेगा और सतत वृद्धि दर्ज करेगा। 2047 से पहले हम दुनिया के कुछ बेहद विकसित देशों में होंगे।
अगली बैठक में एटीएफ पर चर्चा
सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार विमान ईंधन (एटीएफ) को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने के लिए जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा करेगी। उन्होंने कहा कि ईंधन के वैश्विक दाम में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। जब 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी पेश किया गया था तो दर्जनों केंद्र व राज्य के कर इसमेंं शामिल किए गए, वहीं 5 जिंसों कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ को इससे बाहर रखा गया था।
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