कमजोर ग्रामीण मांग का असर दिख रहा उपभोक्ता खंड पर | शर्लिन डिसूजा / मुंबई February 02, 2022 | | | | |
कमजोर ग्रामीण मांग न केवल दैनिक उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) उद्योग के लिए चिंता का विषय बन गई है, बल्कि इसने टिकाऊ वस्तुओं और परिधानों जैसे अन्य उपभोक्ता खंडों की बिक्री को भी प्रभावित किया है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने एक हालिया साक्षात्कार में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में मूल्य वृद्धि अब भी सकारात्मक है। मात्रात्मक वृद्धि में नकारात्मक वृद्धि है। यह काफी साफ तौर पर एक अंतर है, क्योंकि हेडलाइन ग्रोथ अब भी सकारात्मक है। और कुछेक बातें हैं, जो मैं कहूंगा। एक तो अभूतपूर्व मुद्रास्फीति ही है, जो पिछले दो वर्षों में कुछ बड़ी श्रेणियों में रही है।
मैरिको ने भी आय उपरांत आयोजित सम्मेलन के बाद निवेशकों से कहा था कि शहरी बाजारों की तुलना में ग्रामीण बाजारों में मंदी देखी गई है। मैरिको के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी सौगात गुप्ता ने निवेशकों से कहा था कि हाल में ग्रामीण खपत धीमी रही है। हम आगामी बजट में और अधिक प्रोत्साहन, मॉनसून के अच्छे मौसम और बुआई के अच्छे सीजन की वजह से सुधार के संबंध में आशावान हैं।
त्योहारी सीजन की कमजोर बिक्री के साथ-साथ मुद्रास्फीति के रुझानों की वजह से भी टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माताओं को ग्रामीण मांग में मंदी दिखाई दी है। इसके बाद ओमीक्रॉन का स्थान रहा, जिसने शादी के मौसम की मांग को भी कम कर दिया है।
गोदरेज अप्लायंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और कारोबार प्रमुख कमल नंदी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ग्रामीण बाजार नरम बना हुआ है। रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन में इस खंड का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। दूसरी तिमाही के बाद से तिमाही आधार पर नरम प्रदर्शन इस क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति का रुख मांग को और निरुत्साहित कर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम छोर तक की डिलिवरी की दिक्कतों की वजह से टेलीविजन (टीवी) पैनल की मांग भी प्रभावित हुई थी। इसके अलावा बिक्री वाले महीनों के दौरान कई स्टॉक कीपिंग इकाइयों (एसकेयू) में स्टॉक नहीं था।
भारत में कोडक, थॉमसन, ब्लाउपंक्ट और वेस्टिंगहाउस की टीवी विनिर्माता सुपर प्लास्ट्रोनिक्स के मुख्य कार्याधिकारी अवनीत सिंह मारवाह ने कहा कि टीवी के मामले मेंं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मांग पर भारी असर पड़ा है। इसके प्रमुख कारणों में से एक कोविड रहा है, जिसने पिछले 24 महीनों में नुकसान पहुंचाया है। मारवाह ने कहा कि लॉकडाउन और कफ्र्यू के कारण अस्थिर आपूर्ति का इस प्रभाव में प्रमुख योगदान रहा, जिसने अंतिम छोर तक की डिलिवरी और उन एसकेयू को प्रभावित किया जहां बिक्री के महीनों के दौरान स्टॉक नहीं था।
कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के कारण मासिक आधार पर कीमत वृद्धि की वजह से टीवी की कीमतों में 30 प्रतिशत से भी ज्यादा का इजाफा हो चुका है। इससे ग्रामीण बाजार में मांग पर असर पड़ा है, क्योंकि यह दामों के प्रति संवेदनशील होता है।
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