क्रिप्टो मुद्रा पर कर से बाजार की 'गहराई' का पता चलेगा: सीबीडीटी | भाषा / February 02, 2022 | | | | |
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा है कि बजट में क्रिप्टोकरेंसी या ऑनलाइन डिजिटल संपत्तियों को कर के दायरे में लाने की घोषणा आयकर विभाग के लिए देश में इस मुद्रा के कारोबार की 'गहराई' का पता लगाने, निवेशकों तथा उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मददगार होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा। महापात्र ने कहा कि कर अधिकारियों के लिए इस क्षेत्र में प्रवेश का यह सही समय है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और उससे निकलने वाले निष्कर्ष के आधार पर राष्ट्रीय नीति और नियमन तैयार किये जाएंगे। वित्त मंत्री ने 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों पर कराधान को स्पष्ट किया। उन्होंने ऐसी संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाली आय को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने का भी प्रस्ताव किया।
महापात्र ने बजट के बाद कहा, 'विभाग किसी भी लेनदेन की वैधता पर निर्णय नहीं लेता है। आयकर विभाग और आयकर अधिनियम केवल यह देखता है कि आपने जो लेन-देन किए हैं, क्या उससे आय सृजित हुई है या नहीं। हम इसके लिए नहीं हैं कि आय वैध है या नहीं, बल्कि हमारा काम आय पर कर लगाने का है।'
उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि मैं कहूंगा कि नए कानून के तहत क्रिप्टो करेंसी पर कर लगाना कोई इसे वैध नहीं बनाता।' महापात्र ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार या डिजिटल संपत्तियों में कारोबार केवल इसलिए वैध नहीं हो जाता कि आपने उस पर कर दिया है। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, 'क्रिप्टोकरेंसी के लिये राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्माण का काम जारी है। आयकर विभाग इस क्षेत्र में ऐसे समय प्रवेश कर रहा है जब नीति पर काम जारी है। अत: मैं कहूंगा कि विभाग के लिए इस बाजार में प्रवेश का सही समय है।'
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