कवर में इजाफे पर भी आधी जमाओं का बीमा | मनोजित साहा / मुंबई January 31, 2022 | | | | |
वर्ष 2021-2022 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि जमा बीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने के बावजूद सिर्फ करीब 51 प्रतिशत जमाएं ही पूरी तरह सुरक्षित हैं, हालांकि यह आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय मानक के मुकाबले ऊपर बना हुआ है।
संसद के दोनों सदन पर पेश की गई आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि कुल बीमित जमाएं मार्च 2021 के अंत में 76.2 लाख करोड़ रुपये पर थीं, जो कुल आकलन योग्य जमाओं का 50.9 प्रतिशत था। समीक्षा में कहा गया कि यह 20-30 प्रतिशत के अंतरराष्ट्रीय मानक के मुकाबले ज्यादा है। जब जमा बीमा सिर्फ 1 लाख रुपये के लिए था, तो करीब 30 प्रतिशत जमाओं को इसमें शामिल किया गया था। 2020-21 के बजट में, वित्त मंत्री ने यह बीमा कवर बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की घोषणा की। बीमा कवर में वृद्घि के साथ पूरी तरह सुरक्षित खातों की संख्या मार्च 2021 के अंत तक 247.8 करोड़ रुपये थी, जो कुल खातों का 98.1 प्रतिशत थी। समीक्षा में कहा गया है कि तब यह 80 प्रतिशत के अंतरराष्ट्रीय मानक से कम थी।
बैंक समूहों में, बीमित जमाओं का प्रतिशत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए 84 प्रतिशत पर अधिक है, जिसके बाद सहकारी बैंकों के लिए 70 प्रतिशत, भारतीय स्टेट बैंक के लिए 59 प्रतिशत, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 55 प्रतिशत, निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए 40 प्रतिशत, और विदेशी बैंकों के लिए 9 प्रतिशत है।
समीक्षा में कहा गया है, '31 मार्च, 2021 तक, कुल 5,763 करोड़ रुपये की राशि जमा बीमा की शुरुआत होने के बाद से दावों के लिए चुकाई गई है, जिसमें 296 करोड़ रुपये 27 वाणिज्यिक बैंकों, 5,467 करोड़ रुपये 365 करोड़ रुपये सहकारी बैंकों से संबद्घ हैं।'
डिपोजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऐक्ट में पिछले साल संशोधन के बाद 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का भुगतान 120,000 डिपोजिटरीज को जनवरी के शुरू में उनके दावों के संबंध में किया गया।
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